बड़ी ट्रेनों का फ्लेक्सी फेयर सिस्टम बदलेगाः सस्ते हो सकते हैं राजधानी, दुरंतो के किराए!
नई दिल्ली: राजधानी, दूरंतो और शताब्दी ट्रेनों में खाली पड़ी बर्थ को भरने के लिए रेलवे फ्लेक्सी फेयर ढांचे में बदलाव करेगा. ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया व्यवस्था पिछले साल 9 सितंबर से शुरू हुई थी. इस व्यवस्था के अनुसार, केवल 10 फीसदी सीटों की बिक्री जनरल कैटेगरी में होती है और फिर हर 10 फीसदी बर्थ के लिए टिकट की बिक्री के बाद किराये में 10-10 फीसदी की बढ़त होते जाती है. किसी भी ट्रेन के किराये में अधिकतम बढ़त 50 फीसदी तक हो सकती है. रेलवे बेसिक कराया 15 फीसदी तक बढ़ाने या फिर प्रमुख ट्रेनों में करीब 50 फीसदी बर्थ को सामान्य किराया दर पर आरक्षित करने के बारे में विचार कर रही है.
लंबी दूरी की राजधानी और दूरंतों और कुछ शताब्दी ट्रेनों में खाली सीटों को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस सिस्टम की समीक्षा करनी चाही ताकि इसे यात्रियों के अनुकूल बनाया जा सके. इस सिस्टम के मुताबिक :-
ट्रेन की शुरुआती 10 फीसदी सीटें ही बेस फेयर पर बुक होती हैं. इसके बाद 10 फीसदी सीट बुकिंग के बाद किराए में 10 फीसदी इजाफा, फिर 20 फीसदी सीट बुकिंग के बाद किराए में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी होती है. 30 फीसदी सीट बुकिंग के बाद किराए में 30 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है और ट्रेन की 40 फीसदी सीट बुकिंग के बाद इसकी टिकिट 40 फीसदी महंगी हो जाती है. वहीं ट्रेन की 50 फीसदी सीट बुकिंग के बाद किराए में 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है. और फिर इसी कीमत पर बाकी सीटें बुक होती हैं.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि समीक्षा और संकेतों के आधार पर कहा गया कि कुछ ट्रेनों में सीटों के खाली रह जाने की कीमत पर रेवेन्यू में वृद्धि हुई है. रेल मंत्री इसे दुरूस्त करना चाहते थे. उन्होंने बताया कि विभिन्न मॉडलों पर चर्चा की गई और फ्लेक्सी किराया व्यवस्था की समीक्षा के लिए इसी महीने फैसला लिया जाएगा. फ्लेक्सी किराया सिस्टम से रेलवे ने अब तक करीब 260 करोड़ रुपये जुटाए हैं और उसका लक्ष्य एक साल में 500 करोड़ रुपये का आंकड़ा छूने का है.
अधिकारी ने बताया ‘‘प्रमुख ट्रेन सेवाओं को यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि सीटें खाली न रह सकें.’’ पिछले साल दिसंबर में रेलवे ने फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा की थी और आरक्षण चार्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद खाली पड़ी सीटों पर 10 फीसदी की छूट का प्रस्ताव दिया था.
रेलवे की योजना फ्लेक्सी फेयर को हटाकर किराए में मामूली बढ़ोत्तरी करने की है ताकि उसके नुकसान की भरपाई हो सके. हालांकि फ्लेक्सी फेयर के जरिए एलीट क्लास के पैसेंजर्स को बर्थ मिलने में दिक्कत नहीं होगी.