देश में ट्रैवल, टूरिज्म सेक्टर पर भारी खतरा, 40 फीसदी कंपनियों के बंद होने के आसार
कोरोना वायरस के चलते ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र में तीन से छह महीनों के दौरान 40 फीसदी कंपनियों के ऊपर पूरी तरह बंद होने का खतरा है.
नई दिल्लीः घरेलू विमानन सेवाओं को करीब दो महीने बाद दोबारा शुरू किये जाने के बावजूद एक औद्योगिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोराना वायरस महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र की करीब 40 फीसदी कंपनियों के अगले तीन से छह महीने तक खुलने की उम्मीद नहीं है. सरकार ने कोरोना वायरस की रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों में ढ़ील देनी शुरू की है और सोमवार से घरेलू मार्गों पर उड़ने फिर शुरू हो गई है.
बीओटीटी ट्रेवल सेंटिमेंट ट्रैकर ने सात राष्ट्रीय संघों आईओटीओ, टीएएआई, आईसीपीबी, एडीटीओआई, ओटीओएआई, एटीओएआई और एसआईटीई के साथ मिलकर तैयार की है. इसके अनुसार इन क्षेत्रों में 36 फीसदी कंपनियां अस्थाई रूप से बंद हो सकती हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 81 फीसदी ट्रैवल और टूरिज्म कंपनियों की पूरी कमाई बंद हो गई है, जबकि 15 फीसदी कंपनियों की कमाई 75 फीसदी तक घट गई है. बीओटीटी ट्रैवल सेंटीमेंट ट्रैकर सर्वेक्षण ने 10 दिनों में 2,300 से अधिक ट्रैवल और टूरिज्म कारोबारियों और कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ ऑनलाइन रायशुमारी की.
रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी के चलते ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है . तीन से छह महीनों के दौरान 40 फीसदी कंपनियों के ऊपर पूरी तरह बंद होने का खतरा है. जबकि 35.7 फीसदी अन्य कंपनियां अस्थायी रूप से अपना परिचालन बंद कर सकती हैं.
सर्वेक्षण के मुताबिक करीब 38.6 फीसदी ट्रैवल कंपनियां ने कहा कि वे कर्मचारियों की संख्या घटाने जा रही है. इसके अलावा अन्य 37.6 फीसदी कंपनियों का भी कहना है कि वे कर्मचारियों को नौकरी से हटाने पर विचार कर सकती हैं.
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की अध्यक्ष ज्योति मयाल ने कहा, ‘‘यह एक अभूतपूर्व स्थिति है और सरकार को हजारों कंपनियों के अस्तित्व के लिए कुछ राहत देनी चाहिए.’’ ट्रैवल और टूरिज्म कंपनियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार तुरंत एक टूरिज्म राहत कोष बनाएगी. इसके अलावा उन्होंने जीएसटी में कमी और कर्ज की किस्तें चुकाने में 12 महीने की मोहलत जैसी मांगें भी की हैं.
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