Vande Bharat Train: नई वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल हुआ शुरू, चेन्नई से चंडीगढ़ पहुंची
देश को तीसरी वंदेभारत ट्रेन मिल गई हैं, इसको ट्रायल के लिए ट्रैक पर उतार दिया गया है. पिछले सप्ताह आईसीएफ चेन्नई से निकली ट्रेन का लगातार ट्रायल चल रहा है, जो चेन्नई से सीधे चंडीगढ़ पहुंच गयी है.
Vande Bharat Train Trial : देश को तीसरी वंदेभारत ट्रेन (Vande Bharat Train) मिल गई हैं, इसको ट्रायल (Trial) के लिए ट्रैक पर उतार दिया गया है. पिछले सप्ताह आईसीएफ चेन्नई (ICF Chennai) से निकली ट्रेन का लगातार ट्रायल चल रहा है, जो चेन्नई से सीधे चंडीगढ़ पहुंच गयी है. रेलवे के अनुसार आरडीएसओ (Research Design and Standards Organisation) ट्रेन का कई अलग-अलग ट्रायल करेगा. सीआरएस से सेफ्टी क्लीयरेंस मिल गई हैं. भारतीय रेलवे (Indian Railways) 1 साल में 74 और वंदेभारत ट्रेन का निर्माण करेगा.
RDSO को किया हैंडओवर
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने पिछले सप्ताह तीसरी वंदेभारत ट्रेन का निरीक्षण किया था और पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ट्रायल के लिए आरडीएसओ (RDSO) को हैंडओवर कर दिया है. इसके बाद से ट्रेन का ट्रायल शुरू हो गया है. और यह ट्रेन चंडीगढ़ पहुंच गयी है.
तीन तरह के ट्रैक तैयार
Vande Bharat Train का ट्रायल सामान्य, खराब और अच्छे तीनों तरह के ट्रैक पर किया जाएगा. कुछ ट्रायल खाली ट्रेन पर और कुछ वजन रखकर किए जाएंगे. इन सभी ट्रायल में डेढ़ माह से दो माह का समय लग जाएगा. जरूरत पड़ने पर रोजाना अतिरिक्त घंटे ट्रायल भी किया जा सकता है. ट्रायल सफल होने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से क्लीयरेंस ली जाएगी. इसके बाद ट्रेन का नियमित संचालन होगा.
1 साल में आएंगी 75 ट्रेन
भारतीय रेलवे (Indian Railways) की 15 अगस्त 2023 से पहले (1 साल में) 75 वंदेभारत ट्रेन ट्रैक पर उतारने की तैयारी है. नई ट्रेन के निर्माण के बाद बची 74 वंदेभारत ट्रेनों का प्रोडक्टशन जल्दी-जल्दी किया जाएगा. पहले शुरू के 2-3 माह में प्रतिमाह 2 से 3 वंदेभारत का निर्माण होगा. इसके बाद प्रतिमाह प्रोडक्टशन बढ़ाकर 6 से 7 तक होगा. इस तरह अगले साल तक 75 या इससे अधिक ट्रेनें तैयार कर ली जाएंगी.
ये हैं बदलाव
रेलवे बोर्ड के अनुसार नई वंदेभारत एक्सप्रेस में तकनीकी रूप में कुछ बदलाव किए हैं. मौजूदा ट्रेन में सीट का पिछला हिस्सा ही मूव कर सकता है, जबकि नई ट्रेन में पूरी सीट सुविधा अनुसार मूव करती है. ये बदलाव यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं.
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