Tur And Urad Prices: मंडी में दालों की कीमतों में गिरावट के बावजूद रिटेल मार्केट में कीमतों में कोई कमी नहीं आई है जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में सरकार ने रिटेलर्स को चेतावनी दी है. डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के सचिव निधि खरे ने कहा होलसेल मंडी की कीमतें और रिटेल प्राइसेज इस ओर इशारा कर रही है रिटेलर्स ज्यादा मार्जिन बना रहे हैं जो बर्दाश्त से बाहर है. उन्होंने कहा, सरकार की पैनी नजर है और ये फर्क बढ़ता रहा तो सरकार कार्रवाई कर सकती है.  


निधि खरे ने मंगलवार 8 अक्टूबर 2024 को रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और बड़े रिटेल चेन कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की है और इस बैठक में दालों को लेकर चर्चा की है. त्योहारों के सीजन को ध्यान में रखते हुए ये बैठक बुलाई गई थी. बैठक में बताया गया कि उपलब्धता बढ़ने और खरीफ दलहन की ज्यादा बुआई के चलते मंडियों में दालों की कीमतों में हाल के महीनों में गिरावट देखी गई है. सचिव के मुताबिक, प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में पिछले तीन महीने में औसतन 10 फीसदी तक की कमी देखने को मिली है लेकिन रिटेल कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है. 


निधि खरे ने बताया कि पिछले एक महीने में चने की मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. उन्होंने बताया कि होलसेल कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान अनुचित मार्जिन के संकेत दे रहे है. उन्होंने कहा, कीमतों में इस फर्क पर सरकार पैनी नजर रखी जा रही है और अगर ये फर्क बढ़ता रहा तो सरकार सख्ती करने से पीछे नहीं हटेगी. बैठक में रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अधिकारी और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधि शामिल हुए. 


सरकारी डेटा पर नजर डालें तो चने के दाल की कीमतों में एक महीने में 2.76 फीसदी, उड़द की कीमतों में 0.71 फीसदी, मूंद दाल में 1.34 फीसदी और मसूर दाल की कीमतों में 0.80 फीसदी की बढ़ोतरी आई है. केवल अरहर दाल की कीमतों में एक महीने में 0.09 फीसदी की कमी देखने को मिली है.  


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