(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Project Boomerang: अपनी ही कंपनी में कैब चलाने पर मजबूर हुए Uber सीईओ, जानें क्यों
UBER Project Boomerang: कैब कंपनी उबर ने विभिन्न समस्याओं में घिरने के बाद एक्सपीडिया इंक के दारा खोसरोशाही को साल 2017 में सीईओ नियुक्त किया था. उसके बाद से कंपनी का परिचालन काफी बेहतर हुआ है.
कैब एग्रीगेटर कंपनी उबर के सीईओ दारा खोसरोशाही (Uber CEO Dara Khosrowshahi) की गिनती कॉरपोरेट की दुनिया के टॉप एक्सीक्यूटिव्स में होती है. कंपनी की छवि खराब होने और निवेशकों के साथ संबंधों में खटास आने के बाद उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी, और खोसरोशाही कंपनी को वापस पटरी पर लाने में सफल भी हुए. हालांकि इसके लिए उन्हें लीक से हटकर कई काम करने पड़े. एक बार तो वह अपनी ही कंपनी में बतौर ड्राइवर काम करने लग गए थे और रोजाना कैब चलाने लगे थे.
कैलिफोर्निया में चला रहे थे कैब
दरअसल उबर ने अपने परिचालन को बेहतर बनाने के लिए पिछले साल प्रोजेक्ट बूमरैंग की शुरुआत की. इसके तहत खुद उबर सीईओ दारा खोसरोशाही एक कैब ड्राइवर के रूप में काम करने लगे. वह देव के कोड नाम से सान फ्रांसिस्को में एक सेकेंड हैंड टेस्ला मॉडल वाई (Tesla Model Y) चला रहे थे. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ व्यस्त घंटों में सान फ्रांसिस्को की सड़कों पर भारी ट्रैफिक का सामना किया, बल्कि यात्रियों की नाराजगियों और कड़वी टिप्पणियों से भी उन्हें जूझना पड़ा.
बेबुनियाद नहीं ड्राइवरों की शिकायतें
खोसरोशाही ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में इस राज का खुलासा खुद ही किया. अपनी ही कंपनी में कैब ड्राइवर के रूप में मूनलाइटिंग करने के अनुभव को लेकर उबर सीईओ ने बताया कि कुल मिलाकर एक इंडस्ट्री के स्तर पर देखें तो लोग कैब ड्राइवर्स को कहीं न कहीं फोर ग्रांटेड लेते हैं. उन्होंने इस दौरान जाना कि कैब ड्राइवर्स की शिकायतें बेबुनियाद नहीं हैं, बल्कि जायज हैं.
झेलनी पड़ीं ये चीजें
खोसरोशाही ने बताया कि कैब ड्राइवर का काम करते हुए उन्होंने ड्राइवर के रूप में साइन अप करने से लेकर ट्रिप को रिजेक्ट करने पर ऐप के द्वारा पैसे काटे जाने तक जैसी समस्याओं का सामना किया. इस दौरान उन्हें कई बार यात्रियों के खराब व्यवहार का भी सामना करना पड़ गया. एक बार तो ड्राइवर के रूप में काम करने के दौरान ही उन्हें कंपनी के चीफ लीगल ऑफिसर का बार-बार फोन आने लगा और वह लगातार काटने पर मजबूर होते रहे.
खोसरोशाही को इन बातों का श्रेय
आपको बता दें कि कैब एग्रीगेटर कंपनी उबर ने विभिन्न समस्याओं में घिरने के बाद एक्सपीडिया इंक के दारा खोसरोशाही को साल 2017 में सीईओ नियुक्त किया था. दारा खोसरोशाही को कंपनी की छवि दुरुस्त करने, निवेशकों के साथ संबंध ठीक करने और कंपनी की वित्तीय स्थिति को पटरी पर लाने का श्रेय दिया जाता है. प्रोजेक्ट बूमरैंग भी उबर के परिचालन को बेहतर बनाने के दारा खोसरोशाही के प्रयासों का हिस्सा था, जिसके काफी बेहतर परिणाम सामने आए.
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