Layoffs in Credit Suisse Bank: पिछले कुछ महीनों से ग्लोबल बैंकिंग के लिहाज से बहुत कठिन वक्त रहा है. पहले अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank Crisis) के ठप होने के बाद इसका असर यूरोप में भी दिखने लगा और स्विट्जरलैंड का 16वां सबसे बड़ा बैंक क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank Crisis) बैंक भी डूब गया. इसके बाद ग्राहकों का बैंकिंग सिस्टम पर विश्वास लौटाने और लोगों के पैसे सुरक्षित रखने के लिए स्विट्जरलैंड के दूसरे सबसे बड़े बैंक यूबीएस (UBS) ने इसे टेकओवर करने का फैसला किया.
अब क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) को लेकर एक बड़ी खबर आ रही हैं. बैंक को यूबीएस (UBS) द्वारा टेकओवर के बाद कम से कम 20 से 30 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है. ऐसे में कम से कम बैंक में काम करने वाले 36,000 कर्मचारियों पर इसका असर दिखेगा. ब्लूमबर्ग में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यूबीएस द्वारा क्रेडिट सुइस बैंक के टेकओवर के बाद से ही बैंक में बड़े पैमाने पर छंटनी (Credit Suisse Bank Layoffs) के कयास लगाए जा रहे थे. बैंक द्वारा की जाने वाली 36,000 कर्मचारियों की छंटनी का असर स्विट्जरलैंड के अलावा बाकी देशों के कर्मचारियों पर भी पड़ेगा.
स्विट्जरलैंड में होगी 11,000 कर्मचारियों की छंटनी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ स्विट्जरलैंड में 11,000 कर्मचारियों पर इस छंटनी का असर पड़ेगा. यूबीएस और क्रेडिट सुइस बैंक दोनों मिलाकर स्विट्जरलैंड में कुल 1.25 लाख लोगों को रोजगार देते हैं जो कि देश की कुल रोजगार का 30 फीसदी हिस्सा है. ध्यान देने वाली बात ये है कि पिछले महीने क्रेडिट सुइस ने यूबीएस के अधिग्रहण से पहले ही अपने 9,000 कर्मचारियों की छंटनी का फैसला किया था. ऐसे में दोनों बैंकों के मर्जर के बाद कई एक्सपर्ट्स ने यह पहले ही अनुमान लगाया था कि आने वाले वक्त में क्रेडिट सुइस बैंक में बड़े पैमाने पर छंटनी देखी जा सकती हैं. अब इसका इसका साफ असर देखा जा सकता है.
भारत पर क्या होगा असर
गौरतलब है कि क्रेडिट सुइस बैंक में कुल 15,000 कर्मचारी काम करते हैं. बैंक के यूबीएस द्वारा टेकओवर के बाद से ही भारत में काम करने वाले लोगों के मन में अनिश्चितता का माहौल है. भारत में काम करने वाले कर्मचारियों में से 5,000 से 7,000 लोग डायरेक्ट ऑपरेशन के काम को देखते हैं. वहीं बाकी कर्मचारी ग्लोबल आईटी ऑपरेशन को संभालते हैं. बैंक का कुल 6 शहरों मुंबई, हैदराबाद, पुणे, गुरुग्राम, बेंगलुरु और कोलकाता में ऑफिस है. ऐसे में भारत में कुल कितने कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी यह तो फिलहाल साफ नहीं है मगर इस छंटनी का असर भारत के कर्मचारियों पर भी निश्चित तौर पर पड़ेगा.
ग्लोबल बैंकिंग संकट से सहमे देश
साल 2023 में ग्लोबल बैंकिंग संकट (Global Banking Crisis) की शुरुआत अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के साथ शुरू हुई है. इसके बाद अमेरिका का सिग्नेचर बैंक भी कुछ दिन के बाद डूब गया. अमेरिका में शुरू हुए इस बैंकिंग संकट की आहट यूरोप तक पहुंच गई और स्विट्जरलैंड का 16 वां सबसे बड़ा बैंक क्रेडिट सुइस बैंक भी डूब गया.
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