Paytm Crisis: अभी नहीं कम होंगी पेटीएम की दिक्कतें, जूझते हुए गुजरेगा अगला साल, यूबीएस रिपोर्ट का दावा
Paytm Payments Bank: रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में कस्टमर्स और निवेशकों का भरोसा जीतना कंपनी की सबसे बड़ी चुनौती होगी. मार्केटिंग खर्च बढ़ेगा और रेवेन्यू कम होगा.
Paytm Payments Bank: पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ हुई आरबीआई की कार्रवाई से पेटीएम में उथलपुथल मची हुई है. स्विट्जरलैंड के इनवेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विस ग्रुप यूबीएस (UBS Group) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरबीआई (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की मदद से पेटीएम अपने ज्यादातर कस्टमर बेस को बचाने में सफल हो जाएगी. मगर, पेटीएम के मर्चेंट और कस्टमर बेस में लगभग 20 फीसदी की कमी आ सकती है. कंपनी को वित्त वर्ष 2025 में जूझना पड़ सकता है. वॉलेट बिजनेस खत्म हो जाने की वजह से कंपनी के रेवेन्यू पर बुरा असर पड़ेगा और उसे पेमेंट्स एवं लोन बिजनेस को स्थिर करने पर पूरा जोर लगाना पड़ेगा.
कस्टमर्स का भरोसा जीतना सबसे बड़ी दिक्कत
यूबीएस रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम की सबसे बड़ी समस्या कस्टमर्स का भरोसा जीतने की होगी. इसके लिए उसे मार्केटिंग पर खर्च बढ़ाना पड़ेगा. इसके चलते कंपनी के एबिटा लॉस (EBITDA) बढ़ेंगे. कंपनी के शेयर भी 510 रुपये से 650 रुपये के बीच रहने की आशंका है. कंपनी को प्रदर्शन सुधरने में लंबा वक्त लगने वाला है. कंपनी को निवेशकों का भरोसा जीतने में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. यूबीएस के मुताबिक, आरबीआई के एफएक्यू से स्थिति स्पष्ट हो चुकी है. साथ ही पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 दिन का अतिरिक्त समय भी दिया गया है.
पेटीएम थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर के तौर पर काम करेगा
इसके अलावा आरबीआई ने @paytm यूपीआई हैंडल को लेकर भी शंकाएं दूर कर दी हैं. पेटीएम मर्चेंट्स को अन्य बैंकों में ट्रांसफर किया जाएगा. साथ ही एनपीसीआई से मंजूरी मिलने के बाद पेटीएम थर्ड पार्टी एप प्रोवाइडर (TPAP) के तौर पर भी काम कर सकेगा. फोनपे (PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) भी टीपीएपी की तरह ही काम करते हैं.
25 फीसदी तक घट सकता है पेटीएम का मार्केट शेयर
यूबीएस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के नतीजों पर आरबीआई के फैसले का दुष्प्रभाव साफ दिखाई पड़ सकता है. कंपनी को कुछ स्थायी बिजनेस लॉस भी हो सकते हैं. इसके अलावा पेटीएम का मार्केट शेयर भी 25 फीसदी तक घट सकता है. इसमें वॉलेट के अलावा मर्चेंट और कस्टमर्स से होने वाला लॉस भी शामिल है. उसे मर्चेंट्स को अतिरिक्त लाभ देकर अपने साथ जोड़ना पड़ सकता है. कंपनी का लोन बिजनेस भी लगभग 14 फीसदी नीचे जा सकता है. हालांकि, क्लाउड और कॉमर्स बिजनेस पर उतना बुरा असर नहीं पड़ेगा.
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