UBS Report: पूरी दुनिया में करोड़पतियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. विकसित देशों के साथ ही विकासशील देशों में भी अमीरों की संख्या में इजाफा हुआ है. भारत भी इस मामले में तेजी से आगे भाग रहा है. अब यूबीएस की नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2028 तक 52 देशों में करोड़पतियों की संख्या बढ़ती रहेगी. हालांकि, यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड्स में यह ट्रेंड बिलकुल उलटा दिखाई दे रहा है. यहां करोड़पतियों की संख्या घटती दिखाई दे रही है. 


52 देशों में बढ़ेगी दौलतमंदों की संख्या


फाइनेंशियल फर्म यूबीएस के मुताबिक, सर्वे में शामिल रहे 56 देशों में से 52 में दौलतमंदों की संख्या बढ़ती दिखाई दे रही है. इस लिस्ट में सबसे आगे ताइवान रहा है. लिस्ट के अनुसार, वहां करोड़पतियों की संख्या 5 साल में लगभग 47 फीसदी बढ़ सकती है. इसके अलावा तुर्की में लगभग 43 फीसदी और कजाकिस्तान में अमीरों की संख्या 37 फीसदी बढ़ सकती है. यूबीएस ने इस लिस्ट में उन लोगों को शामिल किया है, जिनकी दौलत कम से कम 10 लाख डॉलर हो जाएगी.


सबसे ज्यादा करोड़पति अमेरिका में, चीन दूसरे नंबर पर  


रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा करोड़पति इस समय अमेरिका में हैं. वहां लगभग 2.2 करोड़ लोग करोड़पति हैं. अगले 5 साल में यह आंकड़ा लगभग 16 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकता है. दूसरे नंबर पर चीन मौजूद है. हालांकि, वहां करोड़पतियों की संख्या अमेरिका से काफी कम है. चीन में इस समय लगभग 60 लाख लोग करोड़पति हैं. चीन में अमीरों की संख्या साल 2028 तक 8 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है. 


यूके और नीदरलैंड्स में कम हो जाएंगे करोड़पति


यूबीएस ने कहा है कि यूनाइटेड किंगडम और नीदरलैंड्स में करोड़पतियों की संख्या कम होने जा रही है. फर्म का अनुमान है कि नीदरलैंड्स में अमीरों की संख्या 12 लाख से घटकर लगभग 11 लाख रह जाएगी. उधर, सबसे ज्यादा अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर मौजूद यूनाइटेड किंगडम में करोड़पतियों की संख्या में 17 फीसदी की बड़ी गिरावट आ सकती है. वहां फिलहाल 30 लाख से भी ज्यादा करोड़पति हैं, जो कि 2028 तक घटकर लगभग 25 लाख रह जाएंगे. यूके इस लिस्ट में जापान, फ्रांस और जर्मनी से भी पीछे जा सकता है. 


युद्ध के बावजूद रूस में बढ़ रहे करोड़पति 


यूबीएस के चीफ इकोनॉमिस्ट पॉल डोनोवन ने सीएनबीसी को बताया कि यूक्रेन के साथ युद्ध के बावजूद रूस में करोड़पतियों की संख्या लगभग 21 फीसदी बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि यूनाइटेड किंगडम में फिलहाल उनकी इकोनॉमी की स्थिति की तुलना में कहीं ज्यादा करोड़पति हैं. 


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