नई दिल्लीः आधार संख्या जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का कहना है कि आधार संख्या नहीं होने पर भी जरूरी सेवाओं का फायदा देने से मना नहीं किया जा सकता है. इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में प्रवेश और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने जैसी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं.


यूआईडीएआई ने एक बयान में सरकारी विभागों और राज्य सरकारों से कहा है कि ‘वह यह सुनिश्चित करें कि आधार संख्या नहीं होने पर जरूरी सेवाओं और लाभ के वास्तविक लाभार्थी को उसका लाभ लेने से मना नहीं किया जाए. इनमें चाहे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में प्रवेश मिलना, अस्पताल में भर्ती होना और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाए जाने जैसी आवश्यक जरुरतें शामिल हैं.’’


बयान के मुताबिक इस संबंध में यूआईडीएआई द्वारा 24 अक्तूबर 2017 को जारी उसके सर्कुलर का पालन किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आधार न होने की सूरत में असली लाभार्थी को उसके लाभ से वंचित नहीं किया जाए.


यूआईडीएआई ने कहा है कि उसने इस तरह की रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है जिनमें यह कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने अथवा इलाज जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित रखा गया.