Recession In UK: ब्रिटेन में मंदी आ चुकी है और माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था और भी सिकुड़ सकता है.ब्रिटेन के वित्त मंत्री चांसलर जेरेमी हंट ने गुरुवार को इंमरजेंसी बजट पेश किया जिसमें उन्होंने टैक्स बढ़ाने का एलान किया है. टैक्स बढ़ाये जाने का असर लाखों लोगों पर पड़ सकता है. जेरेमी हंट ने हाउस ऑफ कॉमन्स में ऑटम स्टेटमेंट पेश किया, जिसपर ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने बेहद उत्साहित होकर स्वागत किया. ये बजट ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के मसकद से पेश किया गया है. सितंबर महीने में पूर्व प्रधानमंत्री लिज ट्रस के मिनी-बजट के रोलबैक से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगा था.
नए बजट पेश करने के साथ ये अनुमान जताया गया है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते उच्च ऊर्जा कीमतें मुख्य रूप से मंदी के लिए जिम्मेदार है और 2024 तक आर्थिक विकास के पटर पर लौटने के आसार नहीं है. जेरेमी हंट ने कहा कि आज ऊर्जा संकट, वैश्विक मुद्रास्फीति संकट और वैश्विक आर्थिक संकट है. लेकिन इस योजना के साथ स्थिरता, विकास और सार्वजनिक सेवाओं के साथ हम इस तूफान का सामना करेंगे. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश लचीलेपन और ब्रिटिश करुणा के साथ ऐसा हम करके दिखायेंगे. हम अपनी योजना में जो कठिन निर्णय लेते हैं, उसके कारण हम अपने सार्वजनिक वित्त को मजबूत करते हैं, मुद्रास्फीति को कम करते हैं और नौकरियों की रक्षा करते हैं.
यूके ट्रेजरी ने कहा कि जेरेमी हंट की योजना सबसे कमजोर लोगों के लिए सहायता का एक लक्षित पैकेज है जो सरकार के कर्ज को कम करेगी साथ ही महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के चलते अभूतपूर्व वैश्विक दबावों के सामने मुद्रास्फीति से लड़ने में मदद करेगी.
करों में वृद्धि और खर्च में कटौती के माध्यम से बजट से बचत की कुल राशि 55 बिलियन पाउंड रकम अनुमानित की गई है. आयकर सीमा की शीर्ष दर में कटौती और कई अन्य करों पर रोक के बाद माना जा रहा है कि लाखों लोगों को आने वाले सालों में टैक्स का भुगतान करना होगा. आयकर व्यक्तिगत भत्ता और उच्च दर सीमा अप्रैल 2028 तक अगले दो वर्षों के लिए फ्रीज कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि जिनके पास ज्यादा है उन्हें अधिक योगदान करने के लिए कहकर उन्होंने निष्पक्ष होने की कोशिश की है और टैक्स बढ़ाने से बचने का प्रयास किया है क्योंकि इससे ग्रोथ को अधिक नुकसान होता.
ये भी पढ़ें