New Tax Regime: 7 लाख रुपये सालाना इनकम पर टैक्स छूट के एलान का कितने टैक्सपेयर्स को मिलेगा लाभ, जानिए
New Tax Regime Update: देश में 8.23 करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स है जिसमें से करीब 80 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स है जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये है.
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New Tax Regime: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में नए इनकम टैक्स रिजिम के टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव करते हुए टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी. 7 लाख रुपये तक सालाना जिनकी इनकम है उन टैक्सपेयर्स को कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. वित्त मंत्री के इस एलान से नई टैक्स रिजिम के तहत बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स को टैक्स नहीं देना पड़ेगा. वे टैक्स देने के दायरे से बाहर आ जायेंगे. एक अनुमान के मुताबिक 6.85 करोड़ टैक्सपेयर्स ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 7 लाख रुपये है जिन्हें वित्त मंत्री के एलान का लाभ मिल सकता है.
92 फीसदी टैक्सपेयर्स की इनकम 10 लाख से कम
सवाल उठता है कि नए टैक्स रिजिम के तहत 7 लाख रुपये तक के आय पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा तो देश में कितने टैक्सपेयर्स हैं जिसको इस एलान का लाभ मिलेगा. 2020 में सरकार ने देश में टैक्सपेयर्स की संख्या और उनकी आय को लेकर लेकर एक डाटा जारी किया था. इस डाटा के मुताबिक देश में 57 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से भी कम है. 18 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स है जिनकी सालाना इनकम 2.50 से 5 लाख रुपये के बीच है. 17 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना इनकम 5 से 10 लाख रुपये है. 7 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना इनकम 10 से 50 लाख रुपये है और एक फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है.
6.85 करोड़ टैक्सपेयर्स की आय 7 लाख रुपये से है कम!
2022 में राज्यसभा में वित्त मंत्री ने बताया था कि एसेसमेंट ईयर 2020-21 के मुताबिक देश में कुल टैक्सपेयर्स की संख्या 8,22,83,407 है. 75 फीसदी ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है. इस आंकड़े के हिसाब से देखें तो 6.17 करोड़ लोग देश में ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम है. 92 फीसदी ऐसे लोग हैं जिनकी सालाना इनकम 10 लाख रुपये से कम है. और आंकड़ों पर नजर डालें तो एक अनुमान के मुताबिक 6.85 करोड़ ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिनकी सालाना इनकम 7 लाख रुपये के करीब है.
डिडक्शन का नहीं मिलेगा लाभ
बहरहाल जिस टैक्सपेयर की सालाना इनकम 7 लाख रुपये के करीब है भविष्य में उनकी आय बढ़ती रहेगी. कई टैक्सपेयर्स होंगे जो टैक्स बचाने के लिए निवेश करेंगे साथ में होम लोन भी लेंगे. ऐसे में नए टैक्स रिजिम का चुनाव करना टैक्सपेयर्स के लिए आसान नहीं होगा. क्योंकि नए टैक्स रिजिम में डिडक्शन का लाभ नहीं मिलता है.
5 फीसदी लोगों को ही भाया नया टैक्स रिजिम!
एक अनुमान के मुताबिक 2021-22 वित्त वर्ष और 2022-23 एसेसमेंट ईयर में आयकर रिटर्न भरने वाले कुल टैक्सपेयर्स में 5 फीसदी से भी कम टैक्सपेयर्स ने नए टैक्स रिजिम को चुनाव कर आईटीआर भरा था. जिसके बाद ही नए टैक्स रिजिम को आकर्षक बनाने की बात चल रही थी, जिससे ज्यादा से ज्यादा टैक्सपेयर्स नए टैक्स रिजिम का चुनाव कर सकें.
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