बेरोजगारी दर उच्चतम स्तर पर पहुंची, अप्रैल तक 12.15 करोड़ लोगों का रोजगार छिना
CMIE के मुताबिक अकेले अप्रैल महीने तक 12.15 करोड़ लोगों का रोज़गार जा चुका है. इनमें से 9.13 करोड़ दिहाड़ी मजदूर और छोटे व्यापारियों के यहां काम करने वाले लोगों का रोज़गार गया है.
नई दिल्लीः लॉक डाउन के चलते पलायन करते मजदूरों की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन तस्वीरों ने भयानक आंकड़ों की शक्ल इख्तियार करना शुरू कर दिया है. बेरोज़गारी के ये वो आंकड़े हैं जो कोरोना के बाद देश के लिए सबसे बड़ी चिंता का सबब है. सेन्टर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में बेरोज़गारी दर बढ़कर 23.5 फीसदी हो गयी है. वहीं, 3 मई तक बेरोज़गारी दर बढ़कर 27.1 फीसदी तक जा पहुंची है. 27.1 फीसदी की बेरोज़गारी दर अभी तक की सबसे ज़्यादा है.
CMIE के आंकड़ों के मुताबिक, अकेले अप्रैल महीने तक 12.15 करोड़ लोगों का रोज़गार जा चुका है. इनमें से 9.13 करोड़ दिहाड़ी मजदूर और छोटे व्यापारियों के यहां काम करने वाले लोगों का रोज़गार गया है. इसके अलावा, 1.82 करोड़ व्यवसायियों का व्यवसाय खत्म हुआ है. इसके अलावा 1.78 करोड़ तनख्वाह पर काम करने वाले नौकरीपेशा लोगों का रोज़गार अप्रैल महीने तक खत्म हो चुका है. आंकड़ों में थोड़ी राहत भरी खबर ये रही कि 20 अप्रैल के बाद लगभग 58 लाख किसान खेती-किसानी से जुड़े काम में जुट गए.
हर सप्ताह बढ़ा बेरोज़गारी का आंकड़ा CMIE के आंकड़े बताते हैं कि 15 मार्च तक बेरोज़गारी दर का आंकड़ा 6.74 फीसदी था. इसके बाद यह आंकड़ा 19 अप्रैल तक 26.19 फीसदी हो गया. हालांकि, 19 अप्रैल के बाद वाले सप्ताह में बेरोज़गारी दर का आंकड़ा थोड़ा कम होकर 21.05 फीसदी हो गया. लेकिन, इसके बाद अप्रैल खत्म होते होते बेरोज़गारी दर का आंकड़ा 23.5 फीसदी पर जा पहुंचा. इसके बाद 3 मई तक बेरोज़गारी दर बढ़कर 27.1 फीसदी तक जा पहुंची है. यानी इन आंकड़ों को देखकर समझा जा सकता है कि लॉक डाउन के बाद से ही देश में बेरोजगारी दर कितनी तेजी के साथ बढ़ी है. लॉकडाउन के चलते देश में जो बेरोजगारी बढ़ी है उसने तकरीबन हर तबके को छुआ है. लगभग हर सेक्टर में संगठित और असंगठित कामगारों पर बेरोजगारी की मार लॉकडाउन के चलते पड़ी है.
तमिलनाडु, झारखंड और बिहार में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी जब देशभर में बेरोजगारी दर बढ़ी है तो लाजिम सी बात है कि इस बेरोजगारी ने देश के तकरीबन हर राज्य को प्रभावित किया है. अगर बड़े राज्यों के आंकड़ों की बात करें तो बेरोजगारी दर बढ़ने के मामले में पहले पायदान पर तमिलनाडु है. वही, दूसरे पायदान पर झारखंड है तो तीसरे पायदान पर बिहार का नाम आया है. तमिलनाडु में बेरोज़गारी दर 49.8 फीसदी रही है. वहीं, झारखंड में ये आंकड़ा 47.1 फीसदी रहा है तो बिहार में ये आंकड़ा 46.6 फीसदी रहा है. वहीं अगर उन राज्यों की बात करें जहां पर बेरोजगारी दर सबसे कम रही है तो इसमें पहले नंबर पर पंजाब आता है. वही दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है तो तीसरे नंबर पर तेलंगाना का नंबर आता है तो उसका पंजाब में बेरोजगारी दर 2.9 फीसदी रही है. वही बात अगर छत्तीसगढ़ की करें तो यह आंकड़ा 3.4 फीसदी का रहा है जबकि तेलंगाना की अगर बात करें तो वहां बेरोजगारी दर 6.2 फीसदी रही है.
छोटे और मझोले उद्योगों पर सबसे ज़्यादा मार लॉकडाउन के चलते यूं तो सभी उद्योगों पर मार पड़ी है. लेकिन छोटे और मझोले उद्योगों पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट उद्योग पर भी काफी ज्यादा मार पड़ी है. इसके अतिरिक्त मल्टीप्लेक्स रिटेल एविएशन मैन्युफैक्चरिंग और मीडिया उद्योग पर भी लॉकडाउन का बेहद बुरा असर हुआ है. इसी के चलते बड़े पैमाने पर नौकरियां और रोजगार छीने हैं.
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