Unemployment Rate: देश में अब कुछ ऐसी है बेरोजगारी की स्थिति, सरकार ने जारी की रिपोर्ट
Unemployment in India: नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की सालाना लेबर फोर्स सर्वे रिपोर्ट में 15 साल से ऊपर के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया है.
Unemployment in India: देश में बेरोजगारी को लेकर लगातार हल्ला मचता रहता है. हालांकि, सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहानी बयान कर रहे हैं. सरकार द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) स्थिर हो चुकी है. यह जुलाई, 2023 से जून, 2024 के बीच 3.2 फीसदी पर टिकी हुई है. इस सालाना रिपोर्ट के बाद अब सरकार कुछ देर राहत की सांस ले सकती है. इस रिपोर्ट में 15 साल से ऊपर के लोगों को शामिल किया जाता है.
लेबर फोर्स सर्वे की सालाना रिपोर्ट आई
लेबर फोर्स सर्वे (Labour Force Survey) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में बेरोजगारी दर जुलाई, 2022 से जून, 2023 के दौरान 3.3 फीसदी से मामूली कम होकर जुलाई, 2023 से जून, 2024 के दौरान 3.2 फीसदी हो गई है. उधर, महिलाओं के बीच इसमें इजाफा आया और यह 2.9 फीसदी से बढ़कर 3.2 फीसदी हो गई है. लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (LFPR) जुलाई, 2023 से जून, 2024 के दौरान 60.1 फीसदी थी. यह पिछले साल के 57.9 फीसदी से ज्यादा है. पुरुषों में LFPR 78.8 फीसदी और महिलाओं में 41.7 फीसदी रहा है.
एलएफपीआर (Labour Force Participation Rate) में आबादी के उन लोगों को देखा जाता है, जो काम करने लायक या काम कर रहे होते हैं. 15 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए एलएफपीआर जुलाई, 2022 से जून, 2023 के दौरान 37.0 फीसदी से बढ़कर जुलाई, 2023 से जून, 2024 के दौरान 41.7 फीसदी हो गया है. समान आयु वर्ग के पुरुषों के लिए एलएफपीआर 78.5 फीसदी से बढ़कर 78.8 फीसदी हो गया है.
NSSO ने 2017 से शुरू किया था सर्वे
वर्कर पॉपुलेशन रेशियो (Worker Population Ratio) जुलाई, 2023 से जून, 2024 के दौरान 58.2 फीसदी रहा, जो कि एक साल पहले 56.0 फीसदी प्रतिशत था. पुरुषों में यह आंकड़ा 76.3 फीसदी और महिलाओं में 40.3 फीसदी रहा है. WPR डेटा में कुल आबादी में से उन लोगों को गिना जाता है, जो काम कर रहे हैं. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (National Sample Survey Office) ने अप्रैल, 2017 में पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (Periodic Labour Force Survey) की शुरुआत की थी. इसका मुख्य उद्देश्य देश में रोजगार और बेरोजगारी की स्थिति को प्रदर्शित करना होता है.
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