(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Employment Data: जनवरी-मार्च तिमाही में बेरोजगारी दर में कमी, बढ़ा रोजगार का स्तर- जानें सर्वे का नतीजा
Unemployment Rate In India: ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर में कमी देखी जा रही है और ये संकेत है कि रोजगार के अवसर बन रहे हैं. जनवरी-मार्च तिमाही में बेरोजगारी दर में कमी आई है.
Unemployment Rate Reduced: देश में एक खास वर्ग के लिए बेरोजगारी दर में कमी आई है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की शहरी बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी रह गई है. शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 फीसदी रही है.
8.2 फीसदी से घटकर 6.8 फीसदी पर आई बेरोजगारी दर
राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी. इस प्रकार देश के शहरों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 2018-19 में इस सर्वेक्षण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे कम रही है
पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में थी सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर
बेरोजगारी दर पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में सबसे ज्यादा थी और इसका मुख्य कारण देश में कोविड संबंधित प्रतिबंध थे जिनका असर औद्योगिक गतिविधियों से लेकर सामान्य कारोबारी हलचल पर था और रोजगार की संख्या घट गई थी. सर्वेक्षण के मुताबिक, बेरोजगारी दर पिछले साल जुलाई-सितंबर और अक्टूबर-दिसंबर में 7.2 फीसदी थी, वहीं अप्रैल-जून, 2022 में यह 7.6 फीसदी पर थी.
18वें श्रम बल सर्वेक्षण में सामने आया आंकड़ा
निश्चित अवधि पर होने वाले 18वें श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के मुताबिक शहरी क्षेत्रों में 15 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में बेरोजगारी दर अप्रैल- जून, 2022 में 7.6 फीसदी थी. आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में महिलाओं (15 साल और उससे अधिक) में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च, 2023 में घटकर 9.2 फीसदी पर आ गयी जो एक साल पहले इसी तिमाही में 10.1 फीसदी थी.
शहरी क्षेत्रों में पुरुषों में बेरोजगारी दर में भी कमी आई
वहीं पुरुषों में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर इस साल पहली तिमाही में कम होकर छह फीसदी रही जो एक साल पहले 2022 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 फीसदी पर रही थी. इस तरह आंकड़ों को देखा जाए तो सभी वर्ग की बेरोजगारी दर मे कमी देखी गई है जो देश के रोजगार क्षेत्र के लिए अच्छा संकेत कहा जा सकता है.
कैसे होता है श्रम बल की भागीदारी का निर्धारण
इस सर्वेक्षण के अनुसार, एक व्यक्ति को नियोजित माना जाता है यदि उसने सर्वेक्षण के दिन से पहले सात दिनों के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटा काम किया हो. जनवरी-मार्च में, भारत की शहरी बेरोजगारी दर गिर गई है और साथ ही श्रम बल की भागीदारी की दर पिछली तिमाही के 48.2 फीसदी से बढ़कर 48.5 फीसदी हो गई.
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