(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Unemployment Rate: बेरोजगारी दर में आई गिरावट, साल 2020-21 में बढ़ा रोजगार, जानें कितनी आई गिरावट?
Unemployment Rate Down: कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन का भारत के जॉब मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. कोरोना काल में बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है.
Unemployment Rate: कोरोना काल में बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है. सरकारी आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक, 2020-21 में बेरोजगारी दर घटकर 4.2 फीसदी रह गई है. कोरोना काल में लगाए गए लॉकडाउन का भारत के जॉब मार्केट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. बता दें साल 2019-20 में इस अवधि में भारत की बेरोजगारी दर 4.8 फीसदी जोकि इस साल घटकर 4.2 फीसदी रह गई.
सरकार ने जारी किए आंकड़े
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से इस बारे में जानकारी मिली है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने बताया है कि एक निश्चित अवधि पर होने वाले लेवरफोर्स सर्वे (PLFS) के मुताबिक, 2018-19 में बेरोजगारी दर 5.8 फीसदी और 2017-18 में यह 6.1 फीसदी थी.
4 सालों से बेरोजगारी दर में आ रही गिरावट
बता दें पिछले 4 सालों से लगातार बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिल रही है. पीएलएफएस (PLFS) की सालाना रिपोर्ट (जुलाई, 2020 से जून, 2021) में कहा गया है कि बेरोजगारी दर (यूआर) 2020-21 में 4.2 फीसदी रहीय यह 2019-20 में 4.8 फीसदी थी.
धीमी रफ्तार से आ रही गिरावट
आपको बता दें कुल कार्यबल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत को बेरोजगारी दर (यूआर) कहा जाता है. आंकड़ों से पता चला है कि बेरोजगारी दर में पिछले चार सालों के दौरान 2020-21 (जुलाई से जून) कमी आई है. हालांकि, इसकी रफ्तार धीमी रही है.
कैसा रहा पुरुषों का हाल?
इसके अलावा अगर हम पुरुषों में यूआर दर भी 2020-21 के दौरान घटकर 4.5 फीसदी पर आ गई, जो 2019-20 में 5.1 फीसदी, 2018-19 में छह फीसदी और 2017-18 में 6.2 फीसदी थी.
कैसा रहा महिलाओं का हाल?
महिलाओं के लिए यूआर दर में भी समान रुख देखा गया है. महिलाओं के लिए यूआर दर 2020-21 के दौरान कम होकर 3.5 फीसदी रह गई. 2019-29 में यह 4.2 फीसदी, 2018-19 में 5.2 फीसदी और 2017-18 में 5.7 फीसदी थी.
WPR में भी हुआ सुधार
श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) में भी सुधार हुआ है. यह आबादी में काम करने वाले लोगों के फीसदी को दर्शाता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2020-21 में डब्ल्यूपीआर बढ़कर 39.8 फीसदी पर पहुंच गया, जो 2019-20 में 38.2 फीसदी, 2018-19 में 35.3 फीसदी और 2017-18 में 34.7 फीसदी था.
कैसा रहा ग्रामीण इलाके का हाल?
इसके अलावा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए जुलाई, 2020 से जून, 2021 की वार्षिक रिपोर्ट में पहले चरण की कुल 12,562 इकाइयों को शामिल किया गया है. इसमें 6,930 गांव और 5,632 शहरी ब्लॉक शामिल हैं.
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