Unified Pension Scheme: मोदी सरकार की नई पेंशन स्कीम से किसको बड़ा लाभ, कैसे उठाएं फायदा, स्टेप-बाई-स्टेप जानिए
Unified Pension Scheme Details: केंद्र सरकार ने शनिवार को नई पेंशन स्कीम ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ का ऐलान किया. जानिए इस पेंशन स्कीम का फायदा कौन उठा सकते हैं और उसके लिए क्या करना होगा...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने पेंशन पर चले आ रहे विवाद के बीच शनिवार को नई योजना पेश कर दी. मोदी सरकार की इस पेंशन योजना को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है. इसे मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के विकल्प के तौर पर पेश किया गया है. सरकार का दावा है कि इस पेंशन योजना से लगभग 23 लाख लोगों को सीधा लाभ होने जा रहा है. आइए जानते हैं कि केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई इस पेंशन योजना से किन्हें फायदा होने वाला है और किस तरह से इसका फायदा उठाया जा सकता है...
इस कारण पड़ी नई पेंशन योजना को लाने की जरूरत?
सबसे पहले ये जान लेना जरूरी है कि आखिर क्यों सरकार को यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन योजना को लाने की जरूरत पड़ी? दरअसल पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की जगह पर सरकारी कर्मचारियों के लिए करीब दो दशक पहले नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की शुरुआत हुई थी. नेशनल पेंशन स्कीम को जनवरी 2004 से लागू किया गया था. हाल के कुछ सालों में सरकारी कर्मचारियों के बीच एनपीएस को लेकर असंतोष पनपा और यह बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया. कई राज्यों ने एनपीएस का हटाकर फिर से ओपीएस में जाने का फैसला लिया.
सोमनाथन समिति के सुझावों पर तैयार हुई स्कीम
मोदी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की तेज होती मांग और नेशनल पेंशन स्कीम (जिसे नई पेंशन योजना भी कह दिया जाता है) के बढ़ते विरोध के बीच एक समिति गठित की. वित्त मंत्रालय ने पेंशन स्कीम की समीक्षा और वैकल्पिक सुझाव देने के लिए फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन की अगुवाई में पिछले साल समिति बनाई. सोमनाथन समिति ने सरकारी कर्मचारियों के असंतोष का ध्यान रखते हुए वैकल्पिक पेंशन योजना का सुझाव तैयार किया, जिसके आधार पर अब मोदी सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस को पेश किया है.
कौन सरकारी कर्मचारी उठा सकते हैं फायदा?
चूंकि यूपीएस को एनपीएस के विकल्प के रूप में पेश किया गया है, हर वह सरकारी कर्मचारी इसका फायदा उठाने के लिए पात्र (एलिजिबल) है, जो एनपीएस के लिए एलिजिबल था. सरल शब्दों में कहें तो 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है. इसका लाभ अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से मिलने लगेगा. यूनिफाइड पेंशन योजना में सरकार ने न्यूनतम पेंशन की गारंटी दी है. यूनिफाइड पेंशन योजना को तीन शब्दों ‘एश्योर्ड पेंशन, मिनिमम पेंशन, एश्योर्ड फैमिली पेंशन’ से परिभाषित किया जा सकता है.
रिटायर हो चुके कर्मचारियों को भी मिलेगा लाभ?
इस योजना को भले ही अगले वित्त वर्ष से लागू किया जाएगा, लेकिन इसके फायदे उससे पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा. अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी इसका फायदा पा सकता है, भले ही वह अब तक रिटायर हो गया हो, या अप्रैल 2025 से पहले रिटायर होने वाला हो. अब तक रिटायर हो चुके या 31 मार्च 2025 तक रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों को एरियर का लाभ मिलेगा.
यूपीएस चुन पाएंगे राज्य सरकार के कर्मचारी?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यूनिफाइड पेंशन योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि इससे केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा होने वाला है. राज्य सरकारों को भी अपने कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनने का विकल्प मिला है. अगर सभी राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन स्कीम का फायदा देने का विकल्प चुनती हैं तो लाभार्थियों की संख्या 90 लाख के पार निकल सकती है. यानी देश भर के 90 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को इस पेंशन स्कीम से सीधा फायदा पहुंच सकता है.
खुद-ब-खुद मिलने लगेगा यूपीएस का फायदा?
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को सरकार ने डिफॉल्ट पेंशन स्कीम नहीं बनाया है, बल्कि इसे मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम के विकल्प के तौर पर पेश किया है. इसका मतलब हुआ कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ सभी पात्र कर्मचारियों को खुद-ब-खुद नहीं मिलने वाला है. सभी पात्र सरकारी कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम के साथ यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विकल्प मिलने वाला है. यानी अगर कोई कर्मचारी एनपीएस में बने रहना चाहता है तो वह मौजूदा व्यवस्था में बने रह सकता है, लेकिन अगर वह नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ पाना चाहता है तो उसके लिए उसे यूपीएस का विकल्प चुनना पड़ेगा.
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