Budget 2022 For Auto Sector:  देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए 2021 बेहद चुनौतीपूर्ण रहा है. हालांकि मार्च 2020 के बाद कोरोना काल के बाद से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर की चिंताएं बढ़ गई थी. एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट से ऑटोमोबाइल सेक्टर को बहुत उम्मीदें कि सरकार उन्हें इस संकट से उबारने के लिए बजट में कई घोषणाएं कर सकती है. 


2021 बुरा रहा ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए
2021 में ऑटोमोबाइल सेक्टर को  बढ़ती लागत ने सबसे ज्यादा परेशान किया है. स्टील, एल्युमिनियम से लेकर कई कॉमौडिटी के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है. लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में भई जबरदस्त इजाफा हुआ है. वहीं सेमीकंडक्टर चिप की की कमी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर की मुसीबतें बढ़ाने का काम किया है. मांग होने के बावजूद सेमीकंडक्टर चिप की कमी के चलते देश में प्रोडक्शन में कमी आ गई. देश में सेमीकंडक्टर चिप बने उसके लिए निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने हाल ही में बड़ा फैसला लिया है. लेकिन लंबी अवधि में ऑटोमाबइल सेक्टर को बड़े राहत की जरुरत है क्योंकि ऑटो सेक्टर का देश के जीडीपी में 7.5 फीसदी हिस्सेदारी है. 


टैक्स घटाने से सेल्स बढ़ाने में मिलेगी मदद 
ऑटोमोबाइल सेक्टर को देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. हाल के दिनों में बढ़ती लागत का भार ग्राहकों पर डालने के लिए कई कंपनियों ने कीमतें बढ़ाई है. महंगे ईंधन और महंगे बीमा के खर्च ने भी ग्राहकों को परेशान कर रखा है. ऐसे में गाड़ियों पर टैक्स में कमी करने से कस्टमर्स को प्रोत्साहन मिलेगा और ऑटोमोबाइल कंपनियों को सेल्स बढ़ाने में मदद मिलेगी. 


जीएसटी कम करने की मांग 
ऑटोमोबाइल कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल सेंगमेंट में टू व्हीलर्स पर जीएसटी रेट में कटौती की मांग कर रहे हैं. जिससे इलेक्ट्रिक टूव्हीलर को अफोर्डेबल बनाया जा सके. ऑटो कॉमपोनेंट इंडस्ट्री ने भी केंद्र सरकार ने बजट में राहत की मांग की है. इनकी मांग है कि सभी प्रकार के ऑटो पार्ट्स पर यूनिफॉर्म 18 फीसदी जीएसटी ( Goods and Services Tax) लगाया जाए जो फिलहाल 28 फीसदी है. 


सेकेंड हैंड कारों पर भी घटे जीएसटी
फाडा (Federation of Automobile Dealers Association) ने भी बजट में टू व्हीलर इंडस्ट्री और ऑटो रिटेल कारोबार को वापस पटरी पर लाने के लिए दोपहिया वाहनों पर GST दरों को 18% तक रेगुलेट करने की जरूरत है. फाडा का कहना है कि टू व्हीलर का इस्तेमाल विलासिता के रूप में नहीं बल्कि निम्न वर्ग और ग्रामीण वर्ग द्वारा अपनी हर रोज की जरूरतों के लिए किया जाता है. इसलिए 28% GST + 2% उपकर का औचित्य टू-व्हीलर कैटेगरी के लिए ठीक नहीं है. फेडरेशन ने बजट में सरकार से सेकेंड हैंड कारों पर लगने वाली जीएसटी को भी कम करने की मांग की है. फिलहाल 4000 mm से कम की कार पर 12 फीसदी और 4000 mm से ज्यादा लंबी कार पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है.  


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