Budget 2022: किसानों के लिए बजट में सबसे बड़ा ऐलान संभव, शून्य फीसदी के दर पर उपलब्ध कराया जा सकता है एक लाख रुपये तक का कृषि लोन
Budget 2022: बैंकों से किसानों को सस्ता कर्ज दिलाने के लिए मोदी सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के 10वें बजट को पेश करते हुए इस ऐलान का खाका पेश कर सकती हैं.
Budget 2022: एक फरवरी 2022 को पेश होने वाले बजट में मोदी सरकार किसानों के लिए एक और बड़ा ऐलान कर सकती है. बैंकों से किसानों को सस्ता कर्ज दिलाने के लिए मोदी सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के 10वें बजट को पेश करते हुए इस ऐलान का खाका पेश कर सकती हैं.
शून्य फीसदी पर किसानों को लोन
सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार को किसानों के लिए नए कृषि लोन स्कीम का ऐलान कर सकती है. इस योजना के तहत एक लाख रुपये तक का कृषि लोन शून्य फीसदी के दर पर एक से पाच साल के अवधि के लिए दिया जा सकता है. लेकिन शून्य फीसदी पर तभी कृषि कर्ज दिया जाएगा तब किसान तय समय पर मूलधन का भुगतान कर देंगे. माना जा रहा है नाबार्ड के जरिए इस नए योजना की शुरुआत की जा सकती है. जिसे बैंकों और सहकारी बैंकों द्वारा किसानों को कृषि कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है.
बीजेपी ने किया था चुनावी वादा
दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी घोषणापत्र जारी करते हुए ये वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी शून्य फीसदी के दर पर किसानों को एक लाख रुपये का कर्ज उपलब्ध करा सकती है. अब जबकि 2022 में उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तो 2023 में भी कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे. और 2024 लोकसभा चुनाव में केवल दो साल बचा है. यही वजह है कि किसानों को रिझाने के लिए बजट में शून्य फीसदी के दर पर कृषि लोन उपलब्ध कराने का बड़ा ऐलान बजट में किया जा सकता है.
बजट 2022 है तैयार
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को अपना आखिरी टच दे दिया है. सोमवार को शाम में वित्त मंत्री अपने बजट बनाने वाली टीम के साथ मीडिया के सामने मुखातिब हुई है. मंगलवार एक फरवरी 2022 को वित्त मंत्री अपना चौथा और मोदी सरकार का 10 वां बजट पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण पहली महिला वित्त मंत्री जो लगातार चौथी बार बजट पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण के बजट से समाज से हर वर्ग को बहुत उम्मीदें हैं जिसमें टैक्सपेयर्स से लेकर किसान, मध्यम वर्ग शामिल है.
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