Budget 2022: एक फरवरी 2022 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का 10वां बजट पेश करेंगी.  आजाद भारत का ये 92वां बजट होगा, निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री होंगी जिन्होंने लगातार चार बार बजट पेश करेंगी. भारत के आजाद होने के बाद कई ऐसे बजट पेश किए गए हैं जिसमें देश के आर्थिक विकास को नई दिशा देने का काम किया है. आइए डालते हैं नजर ऐसे ही बजट पर


1. आजाद भारत का पहला बजट 
आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. इस बजट को आरके षणमुखम शेट्टी ने पेश किया था. आजादी मिलने के 3 महीने के अंदर बजट पेश करने का फैसला लिया गया. इस बजट में देश को एकजुट करने और बंटवारे के बाद आए शरणार्थियों को बसाने के लिए कदम उठाए गए.  171.1 करोड़ रुपये आय का अनुमान और 197.3 करोड रुपए के कुल खर्च का अनुमान लगाया गया था. बजट में 92 करोड़ रुपये डिफेंस सेक्टर के लिए दी गई थी. सूती कपड़ों और धागों पर 3 फीसदी एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का इकलौता टैक्स प्रपोजल इस बजट में रखा गया था. 


2. इस बजट में पड़ी योजना आयोग की नींव
26 जनवरी 1950 गणतंत्र दिवस मनाने के बाद भारत का पहला बजट 28 जनवरी 1950 में पेश किया गया था. तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई ने इस बजट को पेश किया था इसी बजट में योजना आयोग का खाका पेश किया गया था. भारत ने योजनाबद्ध तरीके से जो विकास सफर तय किया है उसका रास्ता योजना आयोग ने ही दिखाया था. इस बजट में इनकम टैक्स की दरें 30  फीसदी से घटाक 25 फीसदी कर दी गई. उस समय 1.21 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर करीब 55 फीसदी टैक्स लगता था.  उस वक्त इनकम टैक्स की अधिकतम दरें 78 फीसदी थी. 


3. जनता का पहला बजट
आम लोगों को ध्यान में रखते हुए पहला बजट 29 फऱवरी 1968 को पेश किया गया था. जिसे मोरारजी देसाई ने पेश किया था. इस बजट में फैक्ट्री गेट पर एक्साइज डिपार्टमेंट के अधिकारियों द्वारा सामान की स्टैंपिंग और एसेसमेंट की बाध्यता को खत्म करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. इस फैसले से देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में मदद मिली. एक्साइज विभाग पर लगाम लगी यही व्यवस्था आज तक लागू है. मोरारजी देसाई इकलौते वित्त मंत्री हैं जिन्होंने अपने जन्मदिन 29 फरवरी को दो बार बजट पेश किया है. इसके अलावा वे 10 बार बजट करने वाले इकलौते वित्त मंत्री हैं जो आज तक रिकॉर्ड है. मोरारजी देसाई ने इनकम टैक्स भरने वाले पति-पत्नी के लिए बजट में टैक्स छूट का ऐलान किया था. 


4. ब्लैक बजट
 28 फरवरी 1973 को यह बजट यशवंतराव चौहान ने पेश किया था. इस बजट में जनरल इंश्योरेंस कंपनियों, इंडियन कॉपर कॉरपोरेशन में कोयले की खदानों का राष्ट्रीयकरण करने के लिए 56 करोड़ रुपये जारी किए गए.  कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के चलते ही देश में कोयला उत्पादन में व्यापक बढ़ोतरी देखने को मिली. देश के आर्थिक विकास को रफ्तार मिली. यशवंतराव चौहान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. चौहान ने दो बार बजट पेश की और दोनों बार उन्होंने सिगरेट पर टैक्स की दरें बढ़ाई थी. 


5. उदारीकरण वाला बजट
ये बजट भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण बजट में से एक है. 24 जुलाई 1991 को तात्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने बजट पेश किया था. इस बजट में आयात निर्यात के नियमों को आसान बनाया गया. लाइसेंस राज की समाप्ति हुई. विदेशी कंपनियों के लिए बड़े सेक्टर्स खोले गए. कस्टम ड्यूटी घटाई गई. आर्थिक उदारीकरण के चलते ही भारत वर्ल्ड इकोनामी की सबसे तेज गति से विकास करने वाला अर्थव्यवस्था आज बना हुआ है. 


6. आम आदमी का बजट
28 फरवरी 2005 को ये बजट पी चिदंबरम ने पेश किया था. इस बजट में कॉरपोरेट टैक्स घटाया गया. कस्टम ड्यूटी में कमी के साथ-साथ मनरेगा और आरटीआई की घोषणा की गई थी.  मनरेगा योजना से ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और आमदनी मिली साथ इसके पलायन रोकने में भी काफी मदद मिली. चिदंबरम ने अब तक 9 बार बजट पेश किया है सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले दूसरे वित्त मंत्री हैं. 


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