Budget 2022: पाकिस्तान और चीन के साथ जारी तनाव के बीच मोदी सरकार ने रक्षा बजट बढ़ाने का फैसला किया है. जिसका बड़ा हिस्सा सेना के आधुनिकरण पर खर्च किया जाएगा. रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्ममिर्भर बनाने और इंपोर्ट घटाने के लिए बीते कुछ सालों में काफी कदम उठाया गया है. 2022-23 के बजट में भी डिफेंस सेक्टर में तीनों सेनाओं के आधुनिकरण और देश में ही रक्षा उत्पादन बनाने पर विशेष जोर दिया गया है. इस बार के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा क्षेत्र के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये धन का आवंटन किया है जो पिछले वर्ष के बजट के मुकाबले 47 हजार करोड़ रुपये अधिक है.
रक्षा बजट में 10 फीसदी का इजाफा
2021-23 में रक्षा बजट के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, इस बार इसे बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले दस फीसदी ज्यादा है. कुल रक्षा बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये सेनाओं के आधुनिकीकरण पर खर्च किया जाएगा. वहीं डिफेंस क्षेत्र में जो भी रकम रक्षा खरीद के लिए खर्च किया जाएगा उसमें से 68 फीसदी रकम घरेलू और देसी डिफेंस कंपनियों से ही खरीदी जा सकेगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रक्षा जरुरतों पर के लिए आवंटित रकम में से 68 फीसदी रकम घरेलू इंडस्ट्री से खरीदारी पर खर्च करना होगा जिससे आयात पर निर्भरता घटाई जा सके और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ाना मिले. बीते वर्ष के बजट में घरेलू इंडस्ट्री से खरीदारी के लिए 58 फीसदी रकम का प्रावधान किया गया था.
मेक इन इंडिया पर जोर
रक्षा मंत्रालय को पिछले वर्ष के 2.33 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले इस बार 2.39 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जिसमें पेंशन फंड के लिए 1.19 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. आपको बता दें कि मोदी सरकार के सात सालों के कार्यकाल में लगातार सात सालों तक रक्षा बजट में बढ़ोतरी की गई है. इस बार के बजट में रक्षा क्षेत्र में मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया और मेक फार द वर्ल्ड पर भी जोर दिया है.