(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
HomeBuyers: होमबायर्स को झटका, 2022-23 से नहीं मिलेगा होमलोन पर 3.50 लाख रुपये के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ!
No Relief To Homebuyers: होमलोन के ब्याज के भुगतान पर सलाना 3.50 लाख रुपये टैक्स छूट का फायदा लेने वाले होमबायर्स को अगले वित्त वर्ष 2022-23 से ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है.
Tax On Home Loan: वैसे होमबायर्स जो होमलोन के ब्याज के भुगतान पर सलाना 3.50 लाख रुपये टैक्स छूट का फायदा उठा रहे हैं. उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए बजट के बाद जोर का झटका लगने वाला है. ऐसे होमबायर्स को अगले वित्त वर्ष 2022-23 से ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है.
दरअसल केंद्र सरकार ने एक अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च 2022 के बीच पहली बार होमलोन लेकर घर खरीदने वालों को ज्यादा टैक्स छूट देने का ऐलान किया था. इस स्कीम के मुताबिक वैसे होमबायर्स जो इस अवधि में 45 लाख रुपये के स्टैंप वैल्यू का घर खरीदते हैं तो सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक होमलोन के ब्याज के भुगतान के अलावा 80EEA के तहत 1.5 लाख रुपये अतिरिक्त होमलोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिलेगा. यानि इस अवधि में घर खरीदने वालों को 3.50 लाख रुपये तक होमलोन के ब्याज के भुगतान पर टैक्स छूट का लाभ मिलता आया है. जिसकी समय सीमा 31 मार्च 2022 को खत्म हो रही है.
आपको बता दें बीते साल एक फरवरी 2021 को वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए इस स्कीम का लाभ लेने की अवधि को 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था. जबकि इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2021 को खत्म हो रही थी. लेकिन इस वर्ष बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने होमबायर्स को दी जा रही इस सुविधा को एक्सटेंड नहीं किया है. यानि टैक्सपेयर्स को होमलोन पर 3.50 लाख रुपये तक के ब्याज के भुगतान पर जो टैक्स छूट का लाभ मिल रहा है वो अगले वित्तीय वर्ष से नहीं मिलेगा. इसका मतलब ये हुआ कि ऐसे होमबायर्स जो 1.50 लाख रुपये इनकम पर इस योजना के तहत टैक्स छूट का लाभ ले रहे थे उन्हें इस रकम पर अगले वित्त वर्ष से टैक्स चुकाना होगा.
ये अफोर्डेबल और पहली बार घर खरीदारों को लाभ मिलता है. माना जा रहा था कि प्रॉपर्टी बाजार को बढ़ावा देने के लिए इस सुविधा की समयसीमा को बढ़ाया जा सकता है. लेकिन वित्त मंत्री ने इस बारे में कोई ऐलान नहीं किया है. जिसका अर्थ होगा कि ऐसे लोगों पर टैक्स का बोझ बढ़ेगा. एक आंकलन के मुताबिक वित्त मंत्री द्वारा इस स्कीम को एक्सटेंड नहीं किए जाने टैक्सपेयर्स पर 20,000 रुपये से ज्यादा सलाना टैक्स का भार पड़ सकता है.
ये भी पढ़ें
Explainer: क्यों देश के रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले ग्रामीण अर्थव्यवस्था है बजट से निराश!
Explainer: RBI के 'डिजिटल रुपया' से कैसे बदलेगी देश में डिजिटल करेंसी की सूरत, पूरी जानकारी यहां लें