Budget 2022: वेतनभोगियों - पेंशनर्स पर घट सकता है टैक्स का बोझ, बजट में बढ़ सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट
Budget 2022-23: बजट में वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को राहत देने के लिए वित्त मंत्री स्टैंडर्ड डिडक्शन ( Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती हैं.
Budget 2022-23: बढ़ती महंगाई ( Rising Inflation) से परेशान वेतनभोगियों ( Salaried Clas) और पेंशनधारकों ( Pensioners) को सरकार इस साल पेश किए जाने वाले आम बजट ( Union Budget) में बड़ी राहत दे सकती है. माना जा रहा है कि एक फरवरी 2022 को पेश होने वाला बजट ( Budget) में वित्त मंत्री ( Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) स्टैडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट में बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती हैं जिससे टैक्सपेयर्स ( Taxpayers) को बढ़ती महंगाई से राहत दी जा सके औक उनपर टैक्स के बोझ ( Tax Liability) को कम किया जा सके.
75000 रुपये हो सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट
निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार ( Modi Government) के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट ( Fourth Budget) पेश करते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन ( Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर सकती है यानि सीधे 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है. दरअसल बिजनेस चैंबरों ( Business Chambers) के अलावा कई अर्थशास्त्रियों ( Economists) ने वित्त मंत्री को टैक्सपेयर्स पर टैक्स के बोझ को कम करने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन ( Standard Deduction) की लिमिट को बढ़ाने का अनुरोध किया था.
कोरोना काल में बढ़ा वेतनभोगियों का खर्च
कोरोना महामारी ( Covid 19 Pandemic) के दौरान वेतनभोगियों ( Salaried Clas) को वर्क फ्रॉम होम ( Work From Home) के तहत घर से दफ्तर का काम करना पड़ रहा है. इसके चलते वेतन भोगियों का बिजली का खर्च ( Electricity Bill), इंटरनेट का खर्च ( Internet Expenses) बढ़ गया है. बच्चों के घर से ऑनलाइन पढ़ाई ( Online Classes) के चलते भी टैक्सपेयर्स ( Taxpayers) के खर्च में बढ़ोतरी आई है.
महंगाई से परेशान
कोरोना के चलते स्वास्थ्य सेवाओं ( Healthcare Expenses) पर भी खर्च बढ़ा है. उसपर से महंगाई ( Inflation) आसमान छू रही है. पेट्रोल डीजल ( Petrol Diesel) से लेकर खाने के तेल ( Vegetable Oil) और एलपीजी पीएनजी सीएनजी ( LPG, PNG & CNG) के दामों में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. इसलिए वित्त मंत्री से स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को मौजूदा स्तर से बढ़ाने की मांग की जा रही है. कोरोना काल में कई देशों में घर में ही दफ्तर बनाने पर बढ़े खर्च के मद्देनजर टैक्सपेयर्स को टैक्स में छूट दी गई है जिसे भारत में भी बजट में लागू करने की मांग की जा रही है.
2018 में लागू हुआ स्टैंडर्ड डिडक्शन
मौजूदा समय में टैक्सपेयर्स के कुल इनकम में 50,000 रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन ( Standard Deduction) का प्रावधान है. 2018 में तात्कालिक वित्त मंत्री अरुण जेटली ( Former Finance Minister Arun Jaitley) ने बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को लागू किया था तब स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 40,000 रुपये थी, लेकिन लोकसभा चुनाव ( Loksabha Elections) से ठीक पहले अंतरिम बजट ( Interim Budget) पेश करते हुए तब के वित्त मंत्री पीयूष गोयल ( Piyush Goel) ने इस लिमिट को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया था.
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