Budget 2022-23: टैक्सपेयर्स को वित्त मंत्री दे सकती हैं बड़ी सौगात, 5 लाख से ज्यादा इनकम वालों को 12,500 रुपये के टैक्स रिबेट का लाभ!
India Budget 2022: बजट में 2.50 लाख से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स रिबेट का लाभ सभी टैक्सपेयर्स को देना का ऐलान हो सकता है भले ही टैक्सेबल इनकम भले ही 5 लाख रुपये से ज्यादा हो.
Budget 2022: एक फरवरी 2022 को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी तो टैक्सपेयर्स को बजट में बड़ी सौगात दी जा सकती है. बढ़ती महंगाई के बोझ से परेशान टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ घटाने के लिए वित्त मंत्री बड़ा ऐलान कर सकती है.
जानिए कैसे मिलेगा लाभ
मौजूदा समय में इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये है. यानि ढाई लाख रुपये तक के आय वालों को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. लेकिन जिसकी आय 2.50 लाख से 5 लाख रुपये के बीच है उसपर सरकार 5 फीसदी टैक्स तो लगाती है. लेकिन जिन टैक्सपेयर्स का टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से कम है उन्हें सरकार को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. सरकार 87ए नियम के तहत 2.50 लाख से 5 लाख रुपये के बीच के इनकम पर 5 फीसदी के दर से बनने वाले 12,500 रुपये के टैक्स पर रिबेट देती है. लेकिन जिस टैक्सपेयर्स का टैक्सबेल इनकम 5 लाख से ज्यादा उन्हें सरकार इस रिबेट का लाभ नहीं देती है. यानि ऐसे टैक्सपेयर्स को 2.50 से 5 लाख तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स देना ही पड़ता है. 5 लाख से 10 लाख तक के आय पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर के इनकम पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है.
उदाहरण के लिये, यदि किसी टैक्सपेयर का टैक्सबेल इनकम 7 लाख रुपये है तो 52,500 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता है. और यदि किसी का टैक्सबेल इनकम 12 लाख रुपये है तो उसे 1,72,500 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता है.
12,500 रुपये तक घटेगा टैक्स का बोझ!
माना जा रहा है कि इसी विसंगति को दूर करने के लिए वित्त मंत्री बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है. ये ऐलान होगा कि 2.50 लाख से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी टैक्स रिबेट का लाभ सभी टैक्सपेयर्स को मिलेगा चाहे उनका टैक्सेबल इनकम भले ही 5 लाख रुपये से ज्यादा हो. सीधे तौर पर 12,500 रुपये टैक्स का बोझ कम हो जाएगा. उदाहरण के तौर पर यदि किसी टैक्सपेयर का टैक्सबेल इनकम 7 लाख रुपये है तो जहां अभी 52,500 रुपये टैक्स चुकाना पड़ता है उन्हें केवल 40,000 टैक्स देना होगा. दरअसल वित्त मंत्री को जितने भी बजट को लेकर सुझावें मिली हैं, उन्हें टैक्सपेयर्स पर टैक्स का बोझ कम करने और टैक्स के नियमों को तर्कसंगत ( Rationalize ) बनाने की मांग की गई है.
अधिकत्तम टैक्स की दरें घटाने की मांग
एसोचैम ने वित्त मंत्री को जो सुझाव सौंपा है उसमें मांग की गई है सरकार ने कॉरपोरेट्स रेट्स में 2019 में कमी की है और सरचार्ज को बढ़ाया, इसके मद्देनजर पर्सनल इनकम टैक्स के दरों में भी कमी की जाये. एसोचैम ने सुपर रिच ( Super Rich ) पर लगने वाले टैक्स में भी कमी करने की मांग की है.
दरअसल मोदी सरकार ने 2 से 5 करोड़ सलाना आय वालों पर 25 फीसदी सरचार्ज लगा दिया था. इस ब्रैकेट के आय वालों को 39 फीसदी उनकम टैक्स चुकाना पड़ता है तो 5 करोड़ रुपये से ज्यादा आय को 37 फीसदी सरचार्ज देना पड़ता है जिसके बाद उन्हें 43 फीसदी इनकम टैक्स चुकाना पड़ता है. यानि कॉरपोरेट टैक्स की अधिकत्तम सीमा 25 फीसदी से भी ज्यादा. वित्त मंत्री से ऐसे कैटगरी के लोगों के लिये टैक्स का बोझ कम कर उसे तर्कसंगत करने की मांग की जा रही है.
ये भी पढ़ें