Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने देश के सामने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट था. वित्त मंत्री का यह बजट भाषण करीब 90 मिनट का रहा जिसमें उन्होंने विभिन्न सेक्टरों (Different Sectors) के लिए अलग-अलग कई ऐलान किए हैं. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझ रहे देश के लिए यह बहुत बड़ा सवाल था कि सरकार हेल्थ सेक्टर (Health Sector) में क्या बड़े बदलाव करती है जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं (Health Facility during Corona Pandemic) मुहैया कराई जा सके.


यूनिक हेल्थ आईडी शुरुआत की जाएगी
स्वास्थ्य के ढांचे में बदलाव करने के लिए वित्त मंत्री (Finance Minister) संसद में कहा कि नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम (Health Ecosystem) के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म की शुरुआत की जाएगी. इसमें अस्पतालों और आम लोगों को एक दूसरे से डिजिटली जोड़ा (Digitally Connected Health System) जाएगा. इसके लिए यूनिक हेल्थ आईडी (Unique Health ID) का प्रावधान किया जाएगा.


जिससे गांव के दूर दराज के इलाकों में भी डिजिटल माध्यम से हेल्थ सुविधाओं (Digital Health Facility) को पहुंचाया जा सके. डिजिटल माध्यम से देश के हॉस्पिटल, क्लीनिक (Clinic) और लेबोरेटरी (Laboratory) को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही यूनिक हेल्थ आईडी की मदद से मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया (Health Facility through Unique Health ID) कराई जाएगी.


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योजना के लिए दिए गए 200 करोड़ रुपये
आपको बता दें कि नेशनल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम (Digital Health Ecosystem) बनाने के लिए सरकार की तरफ से इस योजना को 200 करोड़ रुपये दी जाएंगे. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने इस बारे में कुच विस्तार से नहीं बताया लेकिन, सरकार आने वाले दिनों इसका खाका तैयार करने में जुटी हुई है. साल 2020-21 और 2021-22 के बजट इस तरह के डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम के लिए सरकार ने 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इस कदम की मदद से ग्रामीण इलाकों घर बैठे अच्छी स्वास्थ्य सुविधा पहुंचेगी.  


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टेली कंसल्टेंसी (Teleconsultation) भी की गई है शुरू
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में गांव और दूर दराज इलाकों तक बेहतर हेल्थ संबंधी मदद के लिए सरकार ने ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म (e Sanjeevani OPD) पर टेली कंसल्टेंसी की सुविधा भी शुरू की थी. इसके लिए सरकार ने 21-22 के संशोधित बजट में 75 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया था. इन सभी तकनीक से सरकार गरीब लोगों तक भी स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने की कोशिश कर रही है.