Budget 2023: भारी मांग के चलते रियर एस्टेट सेक्टर के लिए 2022 शानदार रहा है और 2023 भी शानदार रहने की उम्मीद है. लेकिन घरों की बढ़ती कीमतों ने जहां नए होम बायर्स की जेब पर बोझ दिया है तो जिन लोगों ने पहले से होम लोन लेकर घर खरीदा हुआ है महंगी ईएमआई ने उनके बजट को बिगाड़ दिया है. उसपर से टैक्स का बोझ. अब सभी होम बायर्स की इस आस में है कि मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल के आखिरी पूर्ण बजट में उन्हें राहत दे और टैक्स के बोझ को कम करे. 


होम बायर्स को मिले राहत!


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) एक फरवरी, 2023 को बजट पेश करेंगी और होम बायर्स से लेकर रियल एस्टेट सेक्टर की वित्त मंत्री से एक ही मांग है कि वो महंगी ईएमआई से निजात दिलायें और टैक्स के बोझ को कम करें. भारत, साउध ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट  और अफ्रीका के लिए CBRE के चेयरमैन सीईओ अंशुमान मैगजीन ने बजट में रियल एस्टेट को लेकर कई सुझाव दिए हैं. जो इस प्रकार है. 


1. इनकम टैक्स एक्ट में 80 सी के तहत होम लोन के मूलधन अमाउंट पर मिलने वाली टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर देना चाहिए. होम लोन के प्रिसिंपल अमाउंट मिलने वाले टैक्स छूट को 80 सी से अलग करने की भी मांग की है. क्योंकि 80 सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक मिलने वाले टैक्स छूट में होम लोन के मूलधन रकम के अलावा पीपीएफ, ईपीएफ, यूलिप में निवेश भी शामिल है.  


2. होम लोन लेने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए होम लोन के ब्याज के डिडक्शन लिमिट को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 4 लाख रुपये सलाना करने की मांग की गई है. इससे ज्यादा से ज्यादा लोग घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. 


अंशुमान मैगजीन के मुताबिक 2022 में रियल एस्टेट ने प्रगति की है और 2023 में ये ट्रेंड जारी रहे की उम्मीद है. भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले मजबूत है. भले ही विकास की गति थोड़ी धीमी हो लेकिन घरेलू मांग और निजी सेक्टर के निवेश के चलते आर्थिक गतिविधि में तेजी बनी रह
 
5 लाख तक के ब्याज पर मिले टैक्स छूट


रियल एस्टेट बिल्डर्स  की फेडरेशन क्रेडाई (Credai) ने भी वित्त मंत्री से एक फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट ( Union Budget) में वित्त मंत्री से होम लोन ( Home Loan) पर टैक्स छूट ( Tax Deduction) की सीमा को मौजूदा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की मांग की है. क्रेडाई का कहना है कि कमरतोड़ महंगाई, लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी जिसके बाद महंगी ईएमआई से लोगों का बजट प्रभावित हुआ है ऐसे में होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए.  बिल्डरों ने वित्त मंत्री अफोर्डेबल हाउसिंग ( Affordable Housing) के दायरे को बढ़ाने और रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म टैपिटल गेन टैक्स ( LTCG Tax) को घटाने की भी मांग की है. 


अफोर्डेबल हाउसिंग के दायरे में हो बदलाव


अफोर्डेबल हाउसिंग के दायरे को बढ़ाने की मांग करते हुए क्रेडाई ने कहा है कि नॉन मेट्रो शहरों में 75 लाख रुपये और मेट्रो में 1.50 करोड़ रुपये के घर को अफोर्डोबल हाउसिंग के कैटगरी में शामिल किया जाना चाहिए. इसके अलावा गैर मेट्रो में अफोर्डेबल घरों की साइज को 90 मीटर और गैर मेट्रो शहरों में 120 मीटर किया जाना चाहिए. क्रेडाई के मुताबिक घर बनाने की लागत में बढ़ोतरी और मौजूदा हालात को देखते हुए ये बदलाव जरुरी है जिससे होमबॉयर्स को फायदा होगा. 


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