Budget 2023 से पहले रुपये को मिली सांस, तेजी के साथ हुई शुरुआत
Dollar vs Rupee: भारतीय रुपया समेत कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राएं पिछले कुछ समय से दबाव में हैं. हालांकि आज बजट के दिन रुपये ने डॉलर के मुकाबले कारोबार की अच्छी शुरुआत की.
Dollar vs Rupee: पिछले कुछ समय से गिरावट का शिकार हो रही भारतीय मुद्रा ने बजट 2023 (Budget 2023) के दिन कारोबार की मजबूत शुरुआत की. इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज पर रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 10 पैसे मजबूत होकर 81.78 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया.
इससे पहले, सोमवार को रुपया 36 पैसे फिसलकर 81.88 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. यह तीन सप्ताह का निचला स्तर था. वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वे (Economic Survey 2022-23) में देश का निर्यात (Export) सुस्त रहने तथा चालू खाते का घाटा (CAD) बढ़ने का अनुमान लगाए जाने के बाद रुपये पर दबाव कायम है.
मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि विदेशी फंड्स की निकासी और घरेलू शेयर बाजार में सुस्ती से भी निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हो रही है. केंद्रीय बजट और फेडरल रिजर्व की नीतिगत घोषणा से पहले विदेशी पूंजी की निकासी और घरेलू शेयर बाजार में नरमी से निवेशकों की कारोबारी धारणा पर असर देखने को मिल रहा है. कारोबारियों का कहना है कि आने वाले समय में रुपये की चाल पर आंतरिक से ज्यादा बाहरी फैक्टर्स का असर देखने को मिलेगा. आने वाले समय में ग्लोबल इकोनॉमी का रुख कैसा रहेगा, काफी हद तक चीजें इस बात पर निर्भर करने वाली हैं.
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि निर्यात में स्थिरता रहने और चालू खाते के घाटे के बढ़ने के कारण भारतीय रुपये पर दबाव रह सकता है. आरबीआई के आंकड़े भी ऐसी ही तस्वीर दिखाते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार, ट्रेड गैप ज्यादा रहने की वजह से देश का चालू खाता घाटा सितंबर तिमाही में बढ़कर जीडीपी के 4.4 फीसदी पर पहुंच गया, जो अप्रैल-जून में 2.2 प्रतिशत था.
सर्वे के मुताबिक, कमोडिटीज की कीमत रिकॉर्ड हाई से नीचे आ गई है, लेकिन यह रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले के स्तर से अब भी ऊपर है. भारतीय मुद्रा के ऊपर इस फैक्टर का भी नकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में सुरक्षित निवेश के रूप में इन्वेस्टर्स के बीच डॉलर की मांग मजबूत होने से पहले से ही तमाम विकासशील देशों की मुद्राएं दबाव का सामना कर रही हैं. हालांकि अन्य उभरते बाजारों की मुद्राओं की तुलना में भारतीय रुपये ने कुछ हद तक बेहतर ही परफॉर्म किया है.