Union Budget: देश में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और अफोर्डेबल हाउसिंग (Affordable Housing) को बढ़ावा देने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन दोनों ही कार्यों के लिए सस्ते दर पर फंड जुटाने के लिए सरकार बजट में बड़ा एलान कर सकती है. सरकार बजट में ऐसे प्रावधान करने की तैयारी में है जिससे रिन्यूएबल एनर्जी की फंडिंग से जुड़ी एनबीएफसी इरेडा (IREDA) और हाउसिंग फाइनेंस से जुड़ी हुडको (HUDCO) सस्ते दर पर फंड जुटा सकें. 


मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अपने दो पब्लिक सेक्टर कंपनियां इरेडा ( Indian Renewable Energy Development Agency) और हुडको (Housing and Urban Development Corporation) को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54EC के तहत शामिल कर सकती है. ये दोनों पब्लिक सेक्टर कंपनियां इस एक्ट में शामिल कर ली जाती हैं तो जो भी निवेशक इन दोनों कंपनियों के बॉन्ड खरीदेंगे उन्हें कैपिटल गेन टैक्स से छूट मिल जाएगी. हालांकि इन बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज, बॉन्ड मार्केट में मिल रहे ब्याज से कम होता है. 


मौजूदा समय में जमीन या घर बेचने पर टैक्सपेयर्स को जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long Term Capital Gain) होता है उस पर टैक्स बचाने के लिए पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (PFC) और आरईसी (REC) के बॉन्ड में टैक्सपेयर्स निवेश करते हैं. इनके बॉन्ड में निवेश करने पर टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54EC के तहत टैक्स से छूट मिल जाती है. प्रॉपर्टी बेचने से होने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. इनकम टैक्स के सेक्शन 54EC के बॉन्ड में निवेश करने पर टैक्स देने के बोझ से टैक्सपेयर्स बच जाते हैं. 


सरकार इरेडा और हुडको को भी वही स्टेटस देने की तैयारी में है जो पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और आरईसी को हासिल है. पीएफसी और आरईसी के बॉन्ड पर 5.25 फीसदी सालाना ब्याज मिलता है लेकिन बॉन्ड मार्केट में पीएसयू बॉन्ड पर 8 फीसदी से ज्यादा ब्याज मिल रहा है.  


इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 54EC के तहत प्रॉपर्टी बेचने के छह महीने के भीतर प्राप्त कैपिटल गेन को इन बॉन्ड में निवेश करना होता है और निवेशित रकम को 5 वर्ष से पहले रिडीम भी नहीं किया जा सकता है.  


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