(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Budget 2024: इंफ्रास्ट्रक्चर से फाइनेंशियल तक हर सेक्टर चाहे बजट से सौगात, क्या वित्त मंत्री करेंगी मुराद पूरी
Budget 2024: इंडस्ट्री लीडर्स के मुताबिक आर्थिक विकास जारी रखने के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखने के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी करना होगा तभी भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.
Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी. इसकी जानकारी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को दे दी थी. राष्ट्रपति ने 22 जुलाई से 12 अगस्त तक बजट सत्र के लिए संसद के दोनों सदनों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसके बाद 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने का ऐलान कर दिया गया है.
आम बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें
भारत सरकार चालू वित्त वर्ष के लिए आम बजट 23 जुलाई को संसद में पेश करेगी. इस बजट से उद्योग जगत को काफी उम्मीदें हैं. इंडस्ट्री लीडर्स का मानना है कि आर्थिक विकास दर जारी रखने के लिए ढांचागत सुधारों को जारी रखना होगा. इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास भी करना होगा, जिससे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सके.
बजट के लिए इंडस्ट्री चैंबर्स के प्रमुख ऑब्जेक्टिव
इंडस्ट्री चैंबर्स के मुताबिक, सरकार को बजट में ढांचागत सुधारों, स्ट्रैटेजिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, केंद्रीय सेक्टरोल इंसेंटिव और तर्कसंगत टैक्स सिस्टम को प्राथमिकता देनी चाहिए. इसके जरिए भारत मौजूदा चुनौतियों का सामना कर सकता है और मजबूती से आगे बढ़ने के साथ लंबे समय में एक कॉम्पटीटिव अर्थव्यवस्था बना रह सकता है.
एसोचैम के बजट से पहले सुझाव और आकांक्षाएं
एसोचैम ने सुझाव दिया है कि ट्रांसपोर्टेशन, एनर्जी, पानी की सप्लाई और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के लिए निवेश को बढ़ाया जाए. इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी, उत्पादकता में इजाफा होगा और साथ ही प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में मदद मिलेगी. पर्यावरण को लेकर बढ़ती चुनौतियों पर सुझाव देते हुए देश के अग्रणी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने कहा कि सरकार को क्लीन टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स वगैरह को कृषि, मैन्युफैक्चरिंग और परिवहन में प्रमोट करने के लिए नई पॉलिसी और इंसेंटिव लाने चाहिए.
बजट से इंडस्ट्री की हैं ये जरूरी मांगें
- इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने कहा कि सरकार को नियमों को आसान बनाना चाहिए. साथ ही मंजूरी और परमिट देने में तेजी लानी चाहिए. साथ ही निवेश आकर्षित करने और ऑपरेशन को तेज बनाने के लिए डिजिटाइजेशन का फायदा उठाना चाहिए.
- कन्फेडेरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने सरकार से बिजनेस करने की लागत को कम करने के लिए जमीन पर स्टांप शुल्क को रैशनलाइज बनाने और बिजली दरों पर क्रॉस-सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का अनुरोध किया है.
- सीआईआई ने यह भी सुझाव दिया है कि कोयला मूल्य निर्धारण, एलोकेशन और ट्रांसपोर्टेशन के लिए कैप्टिव पावर प्लांट (सीपीपीएस) को पावर सेक्टर के बराबर लाया जाना चाहिए.
- सरकार को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी के तहत पेपरलेस लॉजिस्टिक्स के लिए डिजिटाइजेशन जारी रखना चाहिए. इससे समय की बचत होगी और लागत में कमी आएगी.
- सीआईआई ने आगे कहा कि सरकार को कॉरपोरेट टैक्स को चालू दर पर रखना चाहिए, जिससे व्यापारी टैक्स को लेकर निश्चिंत रहें. साथ ही जोर देते हुए कहा कि कैपिटल गेन टैक्स ढांचे को तर्कसंगत बनाया जाना चाहिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रचेंगी इतिहास
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा. इस बार बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रही हैं. दरअसल, वह लगातार 7 केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री भी बन जाएंगी. इससे पहले मोरारजी देसाई ने छह बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से किए गए ऐलान को ध्यान में रखकर घोषणाएं करेंगी कि अगले पांच साल गरीबी के खिलाफ काफी अहम होंगे. संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से लेकर 12 अगस्त तक चलेगा.
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