Union Budget 2024: जुलाई के तीसरे हफ्ते में पेश होने वाले आम बजट (Union Budget) को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार 24 जून, 2024 को ट्रेड यूनियनों (Trade Unions) और मजदूर संगठनों ( Labour Organisations) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में ट्रेड यूनियनों ने अपनी मांगों को फेहरिस्त वित्त मंत्री को सौंपी जिसमें सैलरीड क्लास (Salaried Class) के लिए इनकम टैक्स छूट  की लिमिट के साथ ग्रैच्युटी (Gratuity) को बढ़ाने की मांग की गई है. सेंट्रल ट्रेड यूनियन (Central Trade Union) ने वित्त मंत्री से केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में खाली पड़े पदों को भरने के अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन किए जाने की भी मांग की है.


1% Inheritance Tax लगाने की मांग 


भारतीय मजदूर संगठनों को छोड़ दूसरे ट्रेड यूनियनों के संगठन सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट के लिए वित्त मंत्री के समक्ष जो अपनी मांगें रखी है उसमें रिसोर्स मोबिलाइजेशन के लिए कॉरपोरेट टैक्स, वेल्थ टैक्स को बढ़ाने के साथ जरूरी खाद्य वस्तुओं और दवाओं पर जीएसटी की जगह विरासत कर (Inheritance Tax) को लागू किए जाने की मांग की गई है. इन यूनियनों ने कहा कि पिछले दशकों में कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) को कम कर दिया गया है और आम आदमी पर बोझ डालते हुए इनडॉयरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) में बढ़ोतरी कर दी गई है जिसे सही किया जाना बेहद जरूरी है. सीटू (CITU) ने सुपर-रिच (Super Rich) पर एक फीसदी विरासत कर लगाने की वकालत की है जिसके जरिए सरकार बड़े पैमाने पर पैसा जुटा सकेगी. इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरे सोशल सेक्टर्स के लिए धन जुटाया जा सकेगा और खाद्य वस्तुओं और दवाओं पर जीएसटी (GST) को घटाया जा सकेगा. आपको बता दें लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सैम पित्रौदा के बयान के बाद विरासत कर को लेकर जमकर राजनीति हुई थी. 


सैलरीड क्लास के लिए बढ़े टैक्स छूट की लिमिट


ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री से सैलरीड क्लास के लोगों के लिए इनकम टैक्स छूट की लिमिट के साथ ग्रैच्युटी की लिमिट को भी बढ़ाने की मांग की है. यूनियनों ने वित्त मंत्री से अंगठित क्षेत्र के मजदूरों के साथ कृषि मजदूरों के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्पांसर्ड सोशल सिक्योरिटी फंड बनाने की मांग की है जिसमें सोशल सिक्योरिटी स्कीम के जरिए 9000 रुपये न्यूनतम पेंशन के साथ मेडिकल और शिक्षा से जुड़ी बेनेफिट्स देने को कहा गया है. 


खाली पड़े पदों को फौरन भरा जाए


ट्रेड यूनियनों के संगठन ने सीटू ने वित्त मंत्री से केंद्र सरकार के विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में खाली पड़े पदों को फौरन भरने की मांग की है. इन यूनियनों ने कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्सिंग को बंद करने के साथ रेग्यूलेर एम्पलॉयमेंट सुनिश्चित करने को कहा है. समान कार्यों के लिए समान वेतन के साथ अग्निवीर, आयुधवीर, कोयलावीर जैसे फिक्स्ड टर्म एम्पलॉयमेंट को फौरन बंद करने को कहा है. मनरेगा के तहत 200 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने के साथ शहरी इलाकों के लिए स्कीम को लागू करने की मांग की गई है. 


8वें वेतन आयोग के गठन की मांग 


ट्रेड यूनियनों ने वित्त मंत्री न्यू पेंशन स्कीम को रद्द करने और पुराने पेंशन स्कीम को लागू करने को कहा है. साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी की समीक्षा के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की गई है. इन यूनियनों ने लेबर कोड को रद्द करने के साथ 26,000 रुपये न्यूनतम वेतन करने की मांग की है. इन यूनियनों ने पीएसयू के निजीकरण को फौरन रोकने को सरकार से कहा है. ट्रेड यूनियनों ने बिजली के निजीकरण को फौरन रोकने के साथ इलेक्ट्रिसिटी बिल को वापस लेने और स्मार्ट - प्री-पेड इलेक्ट्रिसिटी मीटर स्कीम को रद्द करने को कहा है. 


ये भी पढ़ें 


Budget के बाद भारतीयों बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पकड़ेगी रफ्तार, ग्लोबल निवेशकों में भारत को लेकर बढ़ा उत्साह