लोकसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद अब हर किसी की निगाहें बजट पर हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करने वाली हैं, जिसकी उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. हर बार की तरह इस बार भी लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं. खासकर मिडिल क्लास को लग रहा है कि इनकम टैक्स के मामले में जिन बदलावों का उन्हें लंबे समय से इंतजार है, सरकार इस बार उनका ऐलान कर सकती हैं.


बजट में हो सकते हैं इतने के उपाय


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में टैक्स छूट देकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे सकती हैं. रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार आगामी बजट में खपत को बढ़ावा देने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये (6 अरब डॉलर) से ज्यादा के उपायों पर विचार कर रही है. संभावित उपायों में कम कमाने वालों के लिए टैक्स की दरों में कटौती भी शामिल है.


इस इनकम कैटेगरी के लिए बदलाव


रिपोर्ट की मानें तो वित्त मंत्रालय के अधिकारी उन टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स में कटौती पर विचार कर रहे हैं, जो सबसे ज्यादा खर्च करते हैं. मतलब बजट में उन लोगों को टैक्स पर फायदा दिया जा सकता है, जिनकी सालाना कमाई 5 से 10 लाख रुपये के बीच है. अभी इस इनकम ब्रैकेट में 5 से 20 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगता है. बजट में इन दरों को कुछ कम किया जा सकता है.


नए टैक्स स्लैब की भी हो रही उम्मीद


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में इतना ही नहीं कहा गया है, बल्कि ये भी दावा किया गया है कि केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जुलाई में पेश होने जा रहे पूर्ण बजट में नए टैक्स स्लैब का भी ऐलान कर सकती हैं. नया टैक्स स्लैब भी मिडिल क्लास पर फोकस्ड रहने वाला है. कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि अगर अनुमान और दावे सही साबित हुए तो आने वाला बजट मिडिल क्लास के लिए ऐतिहासिक बदलावों वाला साबित हो सकता है.


विश्लेषक दे रहे हैं इस तरह की दलील


मिडिल क्लास को राहत देने को लेकर सालों से मांग चल रही है. खासकर कोरोना महामारी के बाद मिडिल क्लास पर फोकस्ड राहतों की मांग तेज हुई है. विश्लेषक लगातार ये बात कहते आए हैं कि महामारी के बाद सरकार ने इनकम पिरामिड के निचले पायदान पर स्थित गरीब लोगों के लिए राहतों का ऐलान किया. कॉरपोरेट जगत पर भी सरकार ने ध्यान दिया. हालांकि सबसे ज्यादा उपभोग करने वाला मिडिल क्लास पीछे छूट गया.


उद्योग संगठन भी कर रहे हैं ऐसी मांग


कई उद्योग संगठन जैसे सीआईआई और फिक्की आदि भी सरकार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पर्सनल इनकम टैक्स में कटौती की मांग कर रहे हैं. इस साल लोकसभा चुनावों के चलते फरवरी में अंतरिम बजट पेश हुआ था. करीब दो महीने चले चुनाव के बाद इसी महीने पीएम मोदी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार सरकार का गठन हुआ है. अब जुलाई के दूसरे या तीसरे सप्ताह में पूर्ण बजट आने की उम्मीद है.


ये भी पढ़ें: इन म्यूचुअल फंड एसआईपी ने 10 साल में 4 गुना किया निवेशकों का पैसा