Tax on Middle Class: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के रिकॉर्ड 7वें बजट को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आई है. बजट में किए गए कई ऐलान लोगों को बहुत पसंद आए हैं और वह इन बदलावों की तारीफ कर रहे हैं. दूसरी तरफ एक बड़ा वर्ग इस बजट को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है. उनका कहना है कि बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स के साथ ही कई तरह के अन्य टैक्स भी देने पड़ रहे हैं. सोशल मीडिया के जरिए लोगों ने बजट को लेकर अपनी नाखुशी भी जाहिर की है. 


बुनियादी जरूरतों के लिए भी देना पड़ रहा टैक्स 


सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि हमें शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, साफ पानी और साफ हवा के लिए तक टैक्स भरना पड़ रहा है. एक यूजर ने वीडियो पोस्ट करके कहा कि नौकरीपेशा आदमी की कमर टूट रही है. वह इनकम टैक्स भरने के बाद जब बाजार में जाकर कोई भी सामान खरीदता है तो उसे जीएसटी देना पड़ता है. खर्च के बाद बचे हुए पैसे से इनवेस्टमेंट करने जाता है तो सरकार उसे होने वाले फायदे पर भी शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स ले लेती है. अब तो मेहनत से खरीदी प्रॉपर्टी को बेचने पर उसे इंडेक्सेशन बेनिफिट भी नहीं मिलेंगे. आखिर सैलरीड क्लास पर इतने तरह के टैक्स क्यों लगाए जा रहे हैं. 


पढ़ाई और इलाज पर भी टैक्स भर रहा मिडिल क्लास 


एक अन्य यूजर ने लिखा कि देश में करोड़ों बच्चे शिक्षा से वंचित हैं. सरकारी स्कूलों की कमी है. साथ ही टैक्स के पैसे से बने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर भी दयनीय है. मजबूरी में हमें बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजना पड़ता है. वहां भी हम बच्चों को पढ़ाने के लिए महंगी फीस भरते हैं. अगर इलाज करवाना हो तो अच्छे सरकारी अस्पतालों की किल्लत है. प्राइवेट अस्पतालों में इलाज न सिर्फ महंगा है बल्कि इस पर भी हमें ही टैक्स देना पड़ता है. 


साफ हवा, पानी और बिजली भी नहीं दे पा रही सरकार 


एक पोस्ट में दावा किया गया है कि सरकार बिजली और सड़क जैसे बुनियादी सुविधाएं तक देने में असफल रही है. देश में 24 घंटे बिजली न आने की वजह से लोगों को इनवर्टर और सोलर पैनल लगवाने पड़ रहे हैं. इन सभी को खरीदने पर भी हमसे ही टैक्स वसूला जाता है. आज भी देश में हर जगह पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. इसकी वजह से घरों में आरओ लगवाने पड़ते हैं. प्रदूषण के चलते कई शहरों की हवा भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसकी वजह से लोगों को एयर प्यूरीफायर लगवाने पड़ रहे हैं. मगर, सरकार इन्हें लग्जरी आइटम मानती है तो इन सभी चीजों पर टैक्स वसूला जाता है.


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