Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तोड़ा रिकॉर्ड, साल दर साल बनाती रही हैं कीर्तिमान
Nirmala Sitharaman: निर्मला सीतारमण का बजट भाषण 1 घंटा और 25 मिनट तक चला. उनके नाम देश का सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड भी है.
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार, 23 जुलाई को देश का आम बजट पेश कर दिया है. यह उनका रिकॉर्ड 7वां बजट था. वह लगातार 7 बजट पेश करने वाली पहली वित्त मंत्री बन गई हैं. उन्होंने मोरारजी देसाई (Morarji Desai) का रिकॉर्ड तोड़ा है. इस दौरान उन्होंने कई घोषणाएं कीं. सफेद सिल्क साड़ी में वित्त मंत्री का बजट भाषण 1 घंटा और 25 मिनट तक चला. उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड भी बनाया था. आइए एक नजर उनके सभी बजट भाषणों समेत अन्य रिकॉर्ड पर डाल लेते हैं.
पहला पेपरलेस बजट भी पेश कर चुकी हैं सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट साल 2019 में दिया था. उनका यह बजट भाषण पूरे 2 घंटे और 15 मिनट तक चला था. उसके अगले साल ही 2020 में बजट पेश करते हुए उन्होंने भारत के सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड बना दिया था. उस दौरान वित्त मंत्री 2 घंटे 42 मिनट तक बोली थीं. साल 2021 का बजट भाषण 1.40 मिनट का था. हालांकि, इसने भारत के पहले पेपरलेस बजट होने का रिकॉर्ड बनाया था. साल 2023 में निर्मला सीतारमण का बजट भाषण 1 घंटा और 30 मिनट चला था. इसके बाद इसी साल फरवरी में उन्होंने अंतरिम बजट के दौरान 57 मिनट का भाषण दिया था.
जसवंत सिंह ने 2003 में बनाया था रिकॉर्ड
इससे पहले जसवंत सिंह (Jaswant Singh) ने साल 2003 में बजट पेश करते हुए 2 घंटे और 13 मिनट तक भाषण दिया था. उन्होंने यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस और इनकम टैक्स रिटर्न की ई फाइलिंग शुरू की थी. अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने साल 2014 में 2 घंटे और 10 मिनट की बजट स्पीच दी थी. इसमें टैक्स स्लैब बढ़ाया गया था. साथ ही डिफेंस सेक्टर को एफडीआई के लिए खोला गया था.
मनमोहन सिंह ने बोले थे सबसे ज्यादा शब्द
भारत के इतिहास में शब्दों के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण मनमोहन सिंह ने साल 1991 में दिया था. उन्होंने अपनी स्पीच के दौरान 18,700 वर्ड बोले थे. उनके ठीक बाद अरुण जेटली का नंबर आता है. उन्होंने 18,604 शब्दों में अपना बजट भाषण दिया था. देश का सबसे छोटा बजट सिर्फ 800 शब्दों का था. इसे साल 1977 में हीरूभाई एम पटेल (Hirubhai M. Patel) ने पेश किया था. यह अंतरिम बजट था. निर्मला सीतारमण अपने बजट भाषणों के जरिए देश के आर्थिक विकास के बदलते परिदृश्य का उल्लेख करती रही हैं.
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