Long Term Capital Gains Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट से बड़ी-बड़ी उम्मीदें पाले बैठे शेयर मार्केट को बजट में की गई कई घोषणाएं पसंद नहीं आईं. वित्त मंत्री द्वारा जैसे ही शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को बढ़ाने का फैसला लिया गया, इसका बुरा असर शेयर मार्केट पर दिखाई देने लगा था. बीएसई सेंसेक्स 73 प्वॉइंट लुढ़ककर 80,429 अंकों पर क्लोज हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 30 प्वॉइंट नीचे जाकर 24,479 अंकों पर बंद हुआ है. रियल एस्टेट स्टॉक के लिए भी वित्त मंत्री का बजट निराशा ही लेकर आया.


निर्मला सीतारमण ने जैसे ही रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (Long Term Capital Gains Tax) के कैलकुलेशन के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट (Indexation Benefit) को खत्म करने का ऐलान किया रियल एस्टेट स्टॉक नीचे लुढ़क गए. दिग्गज रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ का स्टॉक तो लगभग 6 फीसदी नीचे चला गया था.


शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में हुआ इजाफा


वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान बताया कि वह कैपिटल गेन टैक्स रिजीम को आसान बनाना चाहती हैं. उन्होंने कुछ एसेट्स पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. वित्त मंत्री ने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को भी 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये कर दिया गया है. मगर, उन्होंने इंडेक्सेशन बेनेफिट को वापस ले लिया है. 


सभी बड़ी कंपनियों के स्टॉक में आई तेज गिरावट 


इंडेक्सेशन बेनेफिट वापस लेने के बाद निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में लगभग 2.6 फीसदी की गिरावट आई है. डीएलएफ स्टॉक (DLF Stock) भी इस घोषणा के बाद 6 फीसदी नीचे जाकर 778 रुपये पर पहुंच गया था. बाद में इसमें सुधार आया और यह 809 रुपये पर बंद हुआ. इसके अलावा मैक्रोटेक डेवलपर्स (Macrotech Developers) लगभग 3 फीसदी, गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) 5 फीसदी, प्रेस्टीज एस्टेट (Prestige Estates) और फीनिक्स मिल्स (Phoenix Mills) लगभग 2 फीसदी नीचे चले गए थे.  


जानिए इंडेक्सेशन बेनेफिट से कैसे होता था फायदा 


इंडेक्सेशन बेनेफिट खत्म होना प्रॉपर्टी खरीदने वालों के लिए बुरी खबर है. अभी तक प्रॉपर्टी की खरीद कीमत पर महंगाई दर को जोड़ा जाता था. इसके चलते प्रॉपर्टी बिक्री के समय कम कैपिटल गेन टैक्स लगता था. कई बार यह जीरो भी हो जाता था. प्रॉपर्टी मालिक के लिए यह टैक्स बेनिफिट होता था. अब इंडेक्सेशन के बिना गेन को असली खरीद कीमत के हिसाब से कैलकुलेट किया जाएगा और आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा. विशेषज्ञों ने भी इसे प्रॉपर्टी मार्केट के लिए एक झटका करार दिया है.


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