Budget 2024: एक फरवरी 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब अंतरिम बजट पेश करेंगी तो इस बात के आसार हैं कि वे उसी दिन नेशनल पेंशन स्कीम को लेकर स्टेटस रिपोर्ट भी संसद में पेश करें. वित्त मंत्री के संसद में अंतरिम बजट पेश करने से पहले जनवरी महीने के आखिरी हफ्ते में एनपीएस में सुधार को लेकर वित्त सचिव की अध्यक्षता में बनी कमिटी सरकार को रिपोर्ट भी सौंप सकती है.
वित्त मंत्री के एनपीएस के समीक्षा करने के ऐलान के बाद केंद्र सरकार ने अप्रैल 2023 में वित्त सचिव टीवी सोमानाथन की अध्यक्षता वाली कमिटी का गठन किया गया था. इस बीच कमिटी ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ एनपीएस (NPS) को लेकर चर्चा की है. कर्मचारियों के नेशनल काउंसिल ( National Council) ने सरकारी कर्मचारियों के पेंशन से जुड़े मुद्दे को लेकर कमिटी के सामने अपना पक्ष भी रखा था. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कमिटी ने नेशनल पेंशन स्कीम में कुछ बदलावों के साथ न्यूनतम पेंशन देने पर चर्चा की है. हालांकि कमिटी पुराने पेंशन स्कीम को अपनाये जाने के खिलाफ है. साथ ही कमिटी ये भी नहीं चाहती है कि इन बदलावों के चलते सरकार के खजाने पर कोई बोझ पड़े. कमिटी के रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार आम लोगों से भी सुझावें मांग सकती है.
पिछले दिनों ये खबर भी सामने आई थी कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार अपने कर्मचारियों को न्यूनतम पेंशन देने का फैसला ले सकती है. केंद्र सरकार कर्मचारियों के रिटायरमेंट से पहले आखिरी सैलेरी का 40 से 45 फीसदी राशि के तौर पर न्यूनतम पेंशन देने का भरोसा दे सकती है. मौजूदा मार्केट लिंक्ड पेंशन स्कीम में बदलाव किया जा सकता है जिससे एनपीएस को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों में नाराजगी को कम किया जा सके. तब वित्त मंत्रालय ने इस खबर का खंडन किया था.
एक जनवरी 2004 के बाद केंद्र सरकार की नौकरी ज्वाइन करने वालों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम को लागू किया गया था. मौजूदा एनपीएस में कर्मचारियों को बेसिक सैलेरी का 10 फीसदी योगदान करना होता है और 14 फीसदी योगदान सरकार देती है. और एनपीएस में निवेश पर कमर्चारियों को मिलने वाला रिटर्न कुल कॉरपस पर मिलने वाले रिटर्न्स पर निर्भर करता है. सरकारी कर्मचारियों का एनपीएस में किया गया निवेश सरकार के डेट में निवेश किया जाता है. ओल्ड पेंशन स्कीम में कर्मचारी के रिटॉयरमेंट से पहले मिलने वाली आखिरी सैलेरी का 50 फीसदी राशि रिटायरमेंट के बाद फिक्स्ड पेंशन के तौर पर दिया जाता है.
दरअसल राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्य फिर ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर चुके हैं. कई राज्यों में सरकारी कर्मचारी पुराने पेंशन स्कीम बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन करते रहे हैं जिससे सरकार दबाव में है. ऐसे में लोकसभा चुनाव के पहले ये माना जा रहा है कि नेशनल पेंशन स्कीम को आकर्षक बनाने के लिए केंद्र सरकार ठोस फैसले ले सकती है.
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