Union Budget 2025-26: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी 2025 को पेश होने वाले बजट को लेकर उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नार्थ ब्लॉक स्थित वित्त मंत्रालय में अहम बैठक की है. इस बैठक में उद्योगजगत ने वित्त मंत्री से इनकम टैक्स रेट्स के बेहद ज्यादा होने को लेकर चिंता जाहिर करते हुए उसे कॉरपोरेट टैक्स रेट में कटौती के समान कम करने की मांग की है. पीएचडी चैंबर ने शेयर बाजार के निवेशकों को राहत देते हुए सिक्योरिटीज ट्रांसजैक्शन टैक्स (STT) को खत्म करने का सुझाव दिया है.
कॉरपोरेट पर मेहरबान! टैक्सपेयर्स परेशान
प्री-बजट मीटिंग में बिजनेस चैंबर के प्रतिनिधि शामिल हुए. एसोचैम की ओर से वित्त मंत्री को जो मांगों की फेहरिस्त सौंपी गई है उसमें इंडीविजुल्स टैक्सपेयर्स पर टैक्स के बोझ को कम करने की मांग की गई है. एसोचैम ने कहा, कॉरपोरेट रेट्स भारत में ग्लोबल लेवल पर बेहद कॉम्पिटिटिव हो चुका है. कॉरपोरेट टैक्स में जैसी कटौती की गई है वैसे ही कटौती पर्सनल इनकम टैक्स रेट्स में भी किया जाए. एसोचैम के मुताबिक पर्सनल और कॉरपोरेट टैक्स रेट के बीच खाई बढ़ी है. इनकम टैक्स के सबसे उच्च स्लैब के लिए टैक्स रेट पुराने इनकम टैक्स रिजीम में बढ़कर 42.744 फीसदी हो चुका है जबकि न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स रेट 39 फीसदी है. जबकि सामान्य कॉरपोरेट टैक्स रेट केवल 25.17 फीसदी है. यानी सामान्य टैक्सपेयर्स को ज्यादा टैक्स का भुगतान करना पड़ रहा है जबकि कॉरपोरेट जगत कम टैक्स दे रहा है.
भारत में है सबसे ज्यादा टैक्स रेट!
एसोचैम के मुताबिक भारत में पर्सनल इनकम टैक्स रेट दूसरे देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. पर्सनल इनकम पर सबसे अधिकतम टैक्स रेट हांगकांग (Hongkong ) में 15 फीसदी, श्रीलंका (Sri Lanka ) में 18 फीसदी, बांग्लादेश (Bangladesh) में 25 फीसदी और सिंगापुर (Singapore) में केवल 22 फीसदी है. साथ ही दो टैक्स रिजीम के लागू होने के बाद टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स बेहद जटिल हो चुका है. सोर्स ऑफ इनकम के मुताबिक अलग-अलग टैक्स रेट लगता है. इसके अलावा पुराने और नए टैक्स रिजीम में टोटल इनकम और कुल आय में कैपिटल गेन पर अलग-अलग रेट्स के हिसाब से सरचार्ज देना होता है.
शेयरों के ट्रेडिंग पर STT करने की मांग
पीएचडी चैंबर ने वित्त मंत्री से शेयर बाजार में ट्रेडिंग पर लगने वाले सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax) को पूरी तरह खत्म करने का सुझाव दिया है. चैंबर ने अपनी सिफारिशों में कहा, हाल में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है. अब शेयरों पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स दूसरे एसेट्स पर लगने वाले LTCG के समान हो चुका है ऐसे में सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स को खत्म कर देना चाहिए. सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में शेयर बाजार में शानदार तेजी के बीच 40,114 करोड़ रुपये सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स की वसूली की है. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक इससे निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम होगा और शेयर बाजार में निवेश बढ़ेगा जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी.
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