FICCI Economic Outlook Survey: देश की दिग्गज बिजनेस चैंबर फिक्की ने मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है. अपने लेटेस्ट इकॉनमिक आउटलुक सर्वे में फिक्की ने भविष्यवाणी किया है कि मौजूदा चालू वित्त वर्ष में भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.4 फीसदी रह सकता है जो पहले 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. दिसंबर 2024 में इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के दिग्गज अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रिया के आधार पर ये सर्वे तैयार किया गया है.
इनकम बढ़ाने के बजट में हों उपाए
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और देश के आर्थिक विकास की रफ्तार की गति धीमी पड़ने के बीच वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एक फरवरी 2025 को बजट पेश होने जा रहा है. इसे लेकर भी इन अर्थशास्त्रियों ने अपनी उम्मीदें और ख्वाईशें बताई है जो सरकार की नीति को दिशा दे सकती है. इन अर्थशास्त्रियों ने कहा कि निजी खपत को बढ़ाना बजट में सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए. इसके लिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट के टैक्स स्ट्रक्चर (Direct And Indirect Tax Structure) के साथ टैक्स रेट्स की बजट में समीक्षा करने की मांग की गई है जिससे लोगों के डिस्पोजेबल इनकम (Disposable Income) को बढ़ाया जा सके और उपभोक्ताओं को खर्च करने के लिए प्रेरित किया जा सके.
खाद्य महंगाई के चलते बिगड़ा घरेलू बजट
इस सर्वे में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों का कहना है कि 2025 में भारत का इकोनॉमिक आउटलुक बेहतर रहने की आशा की जा सकती है लेकिन बाहरी संकट के चलते सतर्क भी रहने की जरूरत है. कृषि क्षेत्र के आउटलुक में सुधार के चलते ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने की उम्मीद है जिससे उपभोक्ता खर्च में उछाल देखने को मिलेगा. बीते एक साल से परेशान कर रही खाद्य महंगाई जिसने घरेलू बजट को बिगाड़ कर रख दिया है उसके नरम पड़ने की उम्मीद है. आरबीआई की ओर मॉनिटरी पॉलिसी के नरमी के बाद ब्याज दरों में कमी आ सकती है और इसके चलते कंजम्प्शन में इजाफा आएगा.
इकोनॉमिक एक्टिविटी में आएगी तेजी
फिक्की के इस रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त में खुदरा महंगाई दर का औसत 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. सर्वे के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में पब्लिक कैपिटल एक्सपेंडिचर में रिवाइवल आने, फेस्टिव डिमांड और पोस्ट मॉनसून इंडस्ट्रियल एक्टिविटी के सामान्य होने के चलते इकोनॉमिक एक्टिविटी में तेजी आने की उम्मीद है. दिसंबर 2024 में इंडस्ट्री, बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के दिग्गज अर्थशास्त्रियों की प्रतिक्रिया के आधार पर ये सर्वे तैयार किया गया है.
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