Budget 2025: बजट 2025 आने में अब 22 दिनों का समय बचा है और 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. गोल्ड इंडस्ट्री की तरफ से इस समय वित्त मंत्री के सामने सिफारिशें रखी गई हैं कि वो आगामी बजट में सोने के ऊपर लगने वाले जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) को घटा दें. फिलहाल सोने, सोने के गहनों और रत्नों पर 3 फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है जिसे घटाकर 1 फीसदी पर लाने की मांग की गई है.
पिछले बजट में घटाई गई थी कस्टम ड्यूटी
पिछले बजट में केंद्र सरकार ने सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी थी और ये जुलाई 2013 के बाद की गई सबसे बड़ी ड्यूटी कटौती रही जिसके बाद कस्टम ड्यूटी भी अपने निचले लेवल पर आ गई थी. इसके बाद सोने का आयात बढ़ा भी और घरेलू गोल्ड की मांग के लिए ये फैसला सटीक साबित होता हुआ लगा क्योंकि भारत में लगातार सोने और सोने के गहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है.
इसी को ध्यान में रखते हुए गोल्ड पर लगने वाले जीएसटी को भी घटाकर बड़ा फायदा देने की मांग की जा रही है. इंडस्ट्री की Revenue Equivalence Ratio को घटाकर एक फीसदी पर लाने की मांग है, अगर ऐसा होता है तो सोने के खरीदारी करने वालों को बड़ा फायदा मिल सकता है.
गोल्ड इंडस्ट्री की कुछ मांगें और सिफारिशें हैं जिनके लिए वो वित्त मंत्री से आस लगाए हुए है जैसे-
गोल्ड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) ने सरकार से ये मांग की है कि सोने के ऊपर लगने वाले 3 फीसदी जीएसटी को घटाकर एक (1) फीसदी कर दिया जाए जिससे भारत की इकोनॉमी में अहम रोल निभाने वाला गोल्ड सेक्टर ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बनेगा और इसका फायदा सीधे तौर पर ग्राहकों और सोने के खरीदारों को होगा.
गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को सपोर्ट देने की सिफारिशें हैं. इसके जरिए सालों से निष्क्रिय पड़ी गोल्ड होल्डिंग्स को वैल्यू के आधार पर बाजार में लाने की कोशिशों को बल मिलेगा. इस इनीशिएटिव से देश के करोड़ों घरों में सालों से बेकार पड़े सोने का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए किया जा सकेगा.
इलेक्ट्रोनिक गोल्ड रिसीट्स (EGR) की ट्रेडिंग में जो बाधाएं हैं उन पर सरकार को तुरंत ध्यान देने की जरूरत है और इस पर कोई कदम उठाया जाना चाहिए.
इसके अलावा जीएसटी से जुड़ी शिकायतों का त्वरित समाधान और हॉलमार्किंग के नियमों को लेकर और स्पष्टता लाने की जरूरत है. इनके जरिए गोल्ड और ज्वैलरी इंडस्ट्री की दक्षता और विश्वसनीयता में इजाफा देखा जाएगा.
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