नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने संकट में डूबे लक्ष्मी विलास बैंक को बचाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी दी कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय के प्रस्ताव पर मुहर लग चुकी है. बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसके साथ ही एटीसी में एफडीआई को भी मंजूरी दी गई. नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIF) में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश को भी मंजूरी दी गई है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी. बता दें कि रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक में विलय के आदेश दिए थे. एटीसी टेलीकॉम इंफ्रा में 2,480 करोड़ रुपये के एफडीआई को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है. टाटा समूह की कंपनी एटीसी के 12 फीसदी शेयर एटीसी पैसिफिक एशिया ने लिए हैं.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक को खस्ताहाल करने के दोषियों पर कार्रवाई होगी. साथ ही बैंक के किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट और आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए हैं.
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए पूंजी जुटाने के लिए ही नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) की स्थापना की गई थी. कैबिनेट ने आज निर्णय लिया है कि इसमें 6 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. यह निवेश अगले दो सालों के लिए होगा. इससे इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए बॉन्ड मार्केट के द्वारा 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाई जाएगी.