India Energy Week 2025: दिल्ली में इंडिया एनर्जी वीक 2025 की शुरुआत हो चुकी है. यह 14 फरवरी को खत्म होगा. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संरक्षण में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में एनर्जी सेक्टर से जुड़ी देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियां शामिल हो रही हैं. इस दौरान एनर्जी सेक्टर में नए डेवलपमेंट और पार्टनरशिप पर चर्चा की जाएगी, जिससे उर्जा के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बनेगा और आर्थिक विकास भी होगा.


बढ़ रही है विदेशी मेहमानों की संख्या


2023 में शुरू हुए इंडिया एनर्जी वीक का यह तीसरा संस्करण है. पहला एडिशन बेंगलुरु में, दूसरा गोवा में और अब तीसरा दिल्ली में हो रहा है. इस पर एबीपी न्यूज की संवाददाता ने पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से बात की, तो उन्होंने जानकारी दी कि साल-दर-साल न केवल एग्जीबिटर्स की संख्या बढ़ी है, बल्कि विदेशी प्रतिनिधियों की भी संख्या बढ़ी है. 


उन्होंने बताया कि दिल्ली का यशोभूमि हर सुविधा से लैस है. यह 18 हजार स्क्वॉयर मीटर में बना है, लेकिन फिर भी जगह कम पड़ने पर अलग से जर्मन टेंट लगाए गए और इसी के साथ एनर्जी वीक का आयोजन 28 हजार स्क्वॉयर मीटर में किया जा रहा है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कॉन्फ्रेंस का आयोजन कितने बड़े पैमाने पर हो रहा है. 






भारत में आने वाले समय में कई अवसर


केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि कल हुए यूएस आईबीसी की बैठक में कई बड़ी कंपनियों के सीईओ शामिल हुए, जिन्होंने कहा कि वे आने वाले दिनों में भारत को दुनिया भर में एक बेहतर मौके के रूप में देखते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यहां आने वाले लोग सिर्फ ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री के ही नहीं होते हैं, बल्कि यहां आने वालों में ऐसे भी लोग हैं जो टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, बायोफ्यूल्स में आर्थिक अवसरों की तलाश करते हैं. 


हाइड्रोजन प्रोडक्शन बढ़ाना भी भारत का लक्ष्य


बता दें कि इस बार के एनर्जी वीक में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने फॉरेन डेलिकेट्स के साथ हाइड्रोजन बस की सवारी की, इस पर जब उनसे पूछा कि आने वाले कितने समय में भारत की सड़कों पर हाइड्रोजन बसें रफ्तार भरेंगी, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''इसके लिए हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ग्रीन हाइड्रोजन के प्रति किलो के भाव को नीचे लाना होगा. इसके लिए केंद्रीय सरकार कई पैमाने पर काम कर रही है. दाम कम होने के साथ प्रोडक्शन बढ़ेगी और फिर 150 बिलियन डॉलर का एनर्जी इम्पोर्ट करने की जगह हम अपनी ग्रीन हाइड्रोजन प्रोड्यूस करेंगे. 2030 तक हमारा लक्ष्य इसके उत्पादन को 5 मिलियन मीट्रिक टन को बढ़ाना है और मुझे लगता है कि हम उस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे और फिर टारगेट आगे बढ़ाएंगे.'' 






देश में इथेनॉल पर टेक्नीकल अपग्रेडेशन का काम जारी


भारत में 4जी इथेनॉल के प्लांट पर सवाल पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''पहले पराली से इथेनॉल बनाने के 2जी के प्लांट लगे, फिर नॉर्थ ईस्ट में बांस से इथेनॉल बनाने के प्लांट लगे, 3जी में इंडस्ट्रियल गैसें हैं. इस पर टेक्नीकल अपग्रेडेशन का काम धीरे-धीरे हो रहा है.''


क्लीन कुकिंग के फ्यूचर पर सवाल पर उन्होंने कहा, ''पीएम मोदी ने जब कार्यभार संभाला, तो 14 करोड़ एलपीजी कनेक्शनंस थे, जो आज बढ़कर 33 करोड़ हो गए हैं. भारत की आबादी 140 करोड़ है और अगर एक परिवार में 4 लोग हैं, तो 33 करोड़ का मतलब है कि पूरे 140 करोड़ कवर हो गए हैं. पाइप गैस 20-25 प्रतिशत सस्ती है, तो हम उसे भी ला रहे हैं. पाइप गैस की लंबाई को हम 14 हजार किलोमीटर से 22 हजार किलोमीटर तक ले आए हैं और इसे आगे 33 हजार किलोमीटर तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना के लाभार्थियों को 6 रुपये में कुकिंग मीडियम मिल रहा है, जबकि जो इसके लाभार्थी नहीं है उन्हें भी 15-17 रुपये पर कुकिंग मीडियम मिल रहा है. दुनिया में इतना सस्ता कुकिंग मीडियम कहीं नहीं है.'' 


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