नई दिल्लीः यूनिटेक के प्रोजेक्ट्स में घर खरीदकर फंसे हुए हजारों होमबायर्स को अब राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है कि यूनिटेक का मैनेजमेंट कंट्रोल सरकार के हाथ में दे दिया जाए. इस तरह यूनिटेक कंपनी सरकार के नियंत्रण में दे दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से करीब 30 हजार घर खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है.


अब इस फैसले के तहत यूनिटेक के मैनेजमेंट कंट्रोल के लिए 7 लोगों का निदेशक मंडल यानी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स बनाया जाएगा. पूर्व आईएएस वाई एस मलिक को इसका सीएमडी नियुक्त किया गया है. अब नए फैसले के मुताबिक 2 महीने में यूनिटेक के बचे हुए प्रोजेक्ट पूरा करने की रूपरेखा बनेगी जिसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज करेंगे.


आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने नए बोर्ड को बनाने और उसको किसी भी तरह के कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए दो महीने का वक्त दिया है और इसके साथ ही यूनिटेक के बायर्स के लिए किसी समाधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए भी दो महीने का वक्त दिया गया है.


यूनिटेक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से समूह और उसके प्रमोटरों द्वारा कथित वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करने के लिए कहा था, जहां 50 फीसदी से ज्यादा होमबायर्स के पैसे डूबे हुए हैं. अदालत ने इस मामले में 17 जनवरी को कार्रवाई की रिपोर्ट दर्ज करने को कहा था.