India GDP: भारत की आर्थिक विकास दर को लेकर कई अनुमान आते रहते हैं. इसके साथ ही वैश्विक संस्थाएं इस बात पर ध्यान देती रही हैं कि भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. अब एक और वैश्विक संस्था संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने भारत की आर्थिक विकास दर के लिए अनुमान जारी किया है. इसमें जो उम्मीद जताई गई है, हालांकि वो साल 2022 के आंकड़े के मुताबिक कम है.
भारत की जीडीपी साल 2023 में कितनी रहेगी
संयुक्त राष्ट्र ने बुधवार को अनुमान जताया कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2023 में 5.8 फीसदी रह सकता है. ऊंची ब्याज दरों और वैश्विक आर्थिक मंदी से निवेश और निर्यात पर दबाव पड़ रहा है और इसका असर भारत की आर्थिक विकास दर पर देखा जाएगा. हालांकि, संयुक्त राष्ट्र ने देश की आर्थिक वृद्धि "मजबूत" रहने की उम्मीद जताई है जबकि अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लिए संभावनाएं "ज्यादा चुनौतीपूर्ण" हैं.
ग्लोबल इकोनॉमी की जीडीपी दर में आएगी गिरावट- संयुक्त राष्ट्र
'वैश्विक आर्थिक स्थिति और संभावनाएं-2023' रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक उत्पादन वृद्धि 2022 में अनुमानित तीन फीसदी से घटकर 2023 में 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है, जो हाल के दशकों में सबसे कम विकास दर में से एक है. रिपोर्ट में इसके लिए कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात को जिम्मेदार ठहराया गया है, जिसके चलते खाद्य और ऊर्जा संकट खड़ा हुआ और मंहगाई बढ़ी.
साल 2022 के मुकाबले कम रहेगी 2023 में भारत की जीडीपी
रिपोर्ट में कहा गया, "भारत में विकास दर 5.8 फीसदी पर रहने की उम्मीद है, हालांकि यह 2022 में अनुमानित 6.4 फीसदी से थोड़ा कम है, क्योंकि उच्च ब्याज दरों और वैश्विक मंदी से निवेश और निर्यात पर दबाव पड़ा है."
सरकार का क्या है आंकड़ा
भारत सरकार ने देश की जीडीपी के लिए जो आंकड़ा जारी किया है वो पहले के मुकाबले कम पर है. वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत सरकार ने 7 फीसदी की आर्थिक विकास दर रहने का अनुमान लगाया है. इससे पिछले साल यानी साल 2021-22 में ये 8.7 फीसदी पर रही थी.
ये भी पढ़ें