नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने का अनुमान है और यह सबसे तेजी से बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्था बनी रहेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत निजी खपत और महत्वपूर्ण घरेलू सुधारों का फायदा भारत को मिलने की उम्मीद है.


जहां कल ही IMF की तरफ से भारत के लिए बड़ी चिंता की खबर आई थी कि भारत की विकास दर में पूरे 1 फीसदी की गिरावट देखी जाएगी और ये वित्त वर्ष 2017 में 6.6 फीसदी रहेगी. वहीं ऐसे में ये खबर भारत के लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है. इस तरह से देखा जाए तो भारत पर नोटबंदी का निगेटिव असर ना पड़ने की उम्मीद की जा सकती है.


अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है. पहले उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. आईएमएफ ने नोटबंदी के बाद उपभोग के मोर्चे पर अस्थायी झटके के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया हैं. अगले साल यानी 2017 में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है जो पहले 7.6 फीसदी था. यानी इसमें 0.4 फीसदी की कटौती की गई है. इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया था.


संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक परिस्थिति व परिदृश्य (डब्ल्यूईएसपी) 2017 रिपोर्ट आज यहां जारी की गई. इसमें कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017 में 7.7 फीसदी व 2018 में 7.6 फीसदी रहेगी. इसके साथ ही रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि बैंकों व कंपनियों की बैलेंस शीट पर दबाव और क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पाने से हो सकता है कि निवेश पूरी ताकत से पटरी पर नहीं लौट पाए.


वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017 व 2018 में 6.5 फीसदी पर स्थिर रहने का अनुमान लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख प्रकाशन है जो कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की दशा व दिशा पर प्रकाश डालती है.


IMF: नोटबंदी के असर से भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6% किया