Crude Price Update: कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के चलते ब्रेट क्रूड फ्यूचर 109 डॉलर प्रति बैरल तक जा लुढ़का है. वहीं अमेरिका में कच्चे तेल के दामों में 8.75 फीसदी की गिरावट आई है और ये 100 डॉलर प्रति बैरल के नीचे 99.76 डॉलर प्रति बैरल तक जा फिसला है. जाहिर है भारत के लिए राहत की खबर है जो अपने 80 फीसदी कच्चे तेल के खपत के लिए आयात पर निर्भर है.
क्यों गिरे कच्चे तेल के दाम
रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत और सीजफायर की उम्मीदों के चलते कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. साथ ही इस बात को लेकर भी भरोसा बढ़ा है कि रूस के तेल का कोई विकल्प नहीं है. रूस यूक्रेन के बीच युद्ध जारी रहा तो भी यूरोप रूस से कच्चा तेल खऱीदना बंद नहीं कर सकता. युद्ध जारी भी रहा तो भी रूस से सप्लाई बाधित नहीं होगी इसलिए भी कच्चे तेल के दामों में नरमी आई है. आपको बता दें यूरोप अपने 40 फीसदी कच्चे तेल और गैस के लिए रूस पर निर्भर है.
चीन में लॉकडाउन
चीन में फिर से कोरोना वायरस ने दस्तक दे दिया है. चीन में कोरोना केस के 2 साल के उच्चतम लेवल पर है. चीन के शंघाई और शेनजेन में 2.40 करोड़ लोग लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं. लॉकडाउन की वजह से कच्चे तेल के मांग में कमी आएगी. यही वजह है कि कच्चे तेल के दामों में नरमी आई है.
140 डॉलर तक गई थी कीमत
रूस यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंचा था. अमेरिका के रूस से आयात पर रोक लगाने और यूरोप के भी रूस से तेल खरीदने के रोक लगाने की खबरों के चलते कच्चे तेल के दामों में ये बड़ी उछाल आई थी और 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था.
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