यूपी रेरा ने घर खरीदारों को पजेशन में होने वाली दिक्कतें दूर करने के लिए एक नया बदलाव किया है. इसके लिए पजेशन लेटर का नया फॉर्मेट तैयार किया गया है. अब यूपी में घर खरीदने वालों को नए फॉर्मेट के हिसाब से पजेशन लेटर मिलेंगे.


कम हो जाएंगे कानूनी विवाद


न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूपी रेरा ने नए मॉडल पजेशन लेटर के फॉर्मेट को शनिवार से अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया है. यूपी रेरा का कहना है कि पजेशन लेटर का मॉडल फॉर्मेट नहीं होने की वजह से घर खरीदारों को परेशानियां हो रही थीं. उसके चलते घर खरीदारों और बिल्डरों के बीच मुकदमेबााजियां बढ़ रही थीं. नए फॉर्मेट से कानूनी विवाद कम होंगे.


इस कारण हो रहा था कंफ्यूजन


यूपी रेरा के चेयरमैन संजय भूसरेड्डी ने कहा- प्रमोटर्स ऑफर ऑफ पजेशन की भाषा में उसका नाम इस्तेमाल करते हुए घर खरीदारों को फाइनल डिमांड लेटर और फाइनल डिमांड नोटिस भेज रहे थे. उससे घर खरीदारों को कंफ्यूजन हो रहा था. प्रमोटर पजेशन लेटर में कुछ बाध्यकारी शर्तें भी रख देते थे. अब ऐसा करना संभव नहीं होगा. रेरा को उम्मीद है कि इस फॉर्मेट से घर खरीदारों का कंफ्यूजन दूर होगा और विवादों को हल करने में मदद मिलेगी.


नहीं होंगी बाध्यकारी शर्तें


रियल एस्टेट नियामक ने साफ कर दिया है कि पजेशन लेटर में बाध्यकारी शर्तें नहीं रखी जा सकती हैं. पजेशन लेटर का उद्देश्य घर खरीदार को पजेशन देना है और ऑफर ऑफ पजेशन का इस्तेमाल सिर्फ इसी काम के लिए किया जा सकता है. यूपी रेरा का कहना है कि अब अगर वेबसाइट पर दिए गए फॉर्मेट के अलावा किसी अन्य फॉर्मेट में पजेशन लेटर भेजे जाते हैं, तो वे वैलिड नहीं माने जाएंगे.


2 महीने में देना होगा लेटर


नए बदलावों के बाद यह भी स्पष्ट किया गया है कि तय समय के भीतर पजेशन लेटर जारी करने होंगे. नियामक ने कहा है कि ओसी/सीसी मिलने के 2 महीने के भीतर खरीदारों को पजेशन लेटर मिल जाएंगे. अलॉटी को पजेशन लेटर देते समय उसके साथ डेवलपमेंट अथॉरिटी से मिले ओसी/सीसी सर्टिफिकेट की कॉपी भी देनी होगी. पजेशन लेटर में ये भी बताना होगा कि कोई काम बचा हुआ तो नहीं है और अगर कोई काम बच रहा है तो उसे पूरा करने में लगने वाले समय के बारे में भी साफ-साफ बताना होगा.


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