UPI Payment for Digital Loan: बदलते वक्त के साथ ही भारत में यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम (Unified Payment System) यानी यूपीआई आम लोगों के जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुका है. यूजर्स कैश रखने के बजाय यूपीआई के जरिए पेमेंट करना पसंद करते हैं. इसका असर अब सभी जगहों पर दिखने लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल लोन लेने वाले ग्राहक एसआईपी यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के बाद सबसे ज्यादा यूपीआई के जरिए डिजिटल लोन का पेमेंट कर रहे हैं. AI आधारित फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म CASHe ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 84 फीसदी युवा पर्सनल लोन लेने के बजाय क्रेडिट लाइन लेना पसंद करते हैं. वहीं 2 फीसदी ऐसे लोग भी है जो बाय नाउ पे लेटर (Buy Now Pay Later) जैसी सुविधाएं लेना पसंद करते हैं.


CasHe के फाउंडर ने कही यह बात


CasHe के फाउंडर और अध्यक्ष वी. रमन कुमार ने बताया है कि इस रिपोर्ट को 5,40,000 से अधिक मिलेनियल्स से बातचीत करके इस डाटा को तैयार किया गया है. इसमें पॉलिसी मेकर्स, रिसर्चर्स, वित्तीय संस्थानों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है. इस रिसर्च में पता चला है कि युवा 10,000 रुपये से कम के शॉर्ट टर्म लोन युवाओं की पहली पसंद है.


इन खर्चों के लिए लिया जा रहा डिजिटल लोन


युवा सबसे ज्यादा शॉर्ट टर्म लोन मेडिकल और घर के खर्च को मैनेज करने के लिए लेते हैं. इसके अलावा वह शॉपिंग, घर की मरम्मत जैसे कार्यों को पूरा करने के लिए लोग पर्सनल लोन के बजाय क्रेडिट शॉर्ट टर्म लोन लेना पसंद करते हैं. इसके साथ ही आजकल 45 फीसदी युवा कहीं भी निवेश करने से पहले सोशल मीडिया को चेक करते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया उनके निर्णय में बहुत जरूरी रोल निभाता है.


बेंगलुरु क्रेडिट मांग में सबसे आगे


इस रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि बेंगलुरु क्रेडिट मांग में सबसे आगे है. इसके साथ ही देश के 37 फीसदी युवा कुछ हद तक अपने माता-पिता पर फाइनेंशियल जरूरतों के लिए निर्भर हैं. वहीं 63 फीसदी अब वित्तीय आजाद हैं. इसके साथ ही युवाओं का यह मानना है कि वह अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए अपनी सालाना इनकम का 20 फीसदी हिस्सा रिटायरमेंट फंड के रूप में जमा करना चाहते हैं.


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