NPCI: भारत के घर-घर में अपनी जगह बनाने के बाद हमारा यूपीआई (UPI) सिस्टम अब ग्लोबल होने जा रहा है. इसके लिए अफ्रीका और साउथ अमेरिका के कई देशों से वार्ता की जा रही है. साथ ही यूपीआई का मैनेजमेंट करने वाली एनपीसीआई (NPCI) की विदेशी कंपनी एनआईपील (NIPL) ने पेरू (Peru) और नामीबिया (Namibia) के सेंट्रल बैंकों के साथ यूपीआई जैसा सिस्टम डेवलप करने का समझौता भी कर लिया है. 


पेरू और नामीबिया में यूपीआई की लॉन्चिंग 2027 में संभव 


एनआईपील (NPCI International Payments Ltd) के सीईओ रितेश शुक्ला (Ritesh Shukla) ने मंगलवार को बताया कि हम अफ्रीका और साउथ अमेरिका के कई देशों को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (Unified Payments Interface) के ब्लूप्रिंट देने को तैयार हैं. साथ ही पेरू और नामीबिया में यूपीआई की लॉन्चिंग 2027 में हो सकती है. एनपीसीआई (National Payments Corporation of India) देश में रिटेल पेमेंट सिस्टम की रेगुलेटर संस्था है. यह देश में यूपीआई चलाती है. अगस्त में 15 अरब यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए हैं. 


यूपीआई को विदेशों में पहुंचाने के लिए बनी थी एनआईपील


भारत के यूपीआई को विदेशों में पहुंचाने के लिए एनपीसीआई ने एनआईपील का गठन किया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, एनआईपील की इस समय अफ्रीका और साउथ अमेरिका के 20 देशों के साथ यूपीआई को लेकर वार्ता चल रही है. रितेश शुक्ला के अनुसार, पेरू और नामीबिया के सेंट्रल बैंकों के साथ हमारी डील इसी साल की शुरुआत में हो चुकी है. ये बैंक 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत तक अपना यूपीआई जैसा सिस्टम लॉन्च कर सकते हैं. 


एनआईपील अगले साल तक बढ़ाएगी अपने कर्मचारी 


सूत्रों के हवाले से बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि रवांडा के साथ भी यूपीआई को लेकर गंभीर वार्ता हुई है. हालांकि, रितेश शुक्ला और बैंक ऑफ रवांडा (Bank of Rwanda) ने इस बारे में कुछ भी स्पष्ट बताने से इंकार कर दिया. रितेश शुक्ला के अनुसार, एनआईपील अन्य देशों के रियल टाइम पेमेंट सिस्टम के साथ गठजोड़ भी कर रही है. इनमें सिंगापुर का पेनाऊ (PayNow) शामिल है. हम इस तरह के 7 गठजोड़ कर चुके हैं. एनआईपील के फिलहाल 60 सदस्य हैं. अब मार्च, 2025 तक इस टीम को बढ़ाया जाएगा. फिलहाल कंपनी के कुछ कर्मचारी सिंगापुर और मिडिल ईस्ट देशों में हैं.


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