UPI Payments in May 2023: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने गुरुवार को कहा कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) से ट्रांजेक्शन इस साल मई में 9 अरब तक पहुंच चुका है. देश में रिटेल पेमेंट और निपटान सिस्टम के संचालन के लिए अम्ब्रेला निकाय ने अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी है.
एनपीसीआई के जानकारी के मुताबिक, UPI के साथ 9 अरब से ज्यादा का लेनदेन हुआ है. एनपीसीआई ने कहा कि मोबाइल से यूपीआई के जरिए सहज भुगतान करें. 9.41 अरब के ट्रांजेक्शन में 14.89 लाख करोड़ रुपये का आदान प्रदान किया गया है. वहीं अप्रैल के दौरान पेश किए डाटा के मुताबिक, 8.89 अरब की लेनदेन में 14.07 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं.
यूपीआई से हर दिन 1 अरब से ज्यादा की लेनदेन
वहीं मार्च के दौरान यूपीआई से 8.68 अरब का ट्रांजेक्शन किया गया था और 14.10 लाख करोड़ रुपये का अमाउंट ट्रांसफर किया गया था. पिछले तीन महीने से यूपीआई से 14 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजेक्शन किया गया है. पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026-7 तक यूपीआई ट्रांजेक्शन हर दिन 1 अरब तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें रिटेल पेमेंट 90 फीसदी होगा.
2026-27 तक 379 अरब तक जाएगा लेनदेन
वहीं "द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक - 2022-27" की एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 के दौरान रिटेल सेगमेंट में कुल लेनदेन की मात्रा में यूपीआई का हिस्सा लगभग 75 प्रतिशत था. आगे कहा गया है कि भारतीय डिजिटल पेमेंट में 50 फीसदी की सीएजीआर में स्थिर बढ़ोतरी देखी गई है. ऐसे में वित्त वर्ष 2022-23 में 103 बिलियन से वित्त वर्ष 2026-27 में 411 बिलियन लेनदेन तक पहुंचने की उम्मीद है. कहा गया है कि 2027 तक हर दिन 1 अरब डॉलर का रिकॉर्ड लेनदेन होगा, जो 83.71 अरब लेनदेन से बढ़कर 2026-27 तक 379 अरब लेनदेन हो जाएगा.
क्रेडिट कार्ड की बढ़ेगी मात्रा
रिपोर्ट में कहा गया है क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जुड़ जाने के बाद से डेबिट कार्ड से ज्यादा क्रेडिट कार्ड से लेनदेन हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष 2024-25 तक क्रेडिट कार्ड में लेनदेन की मात्रा डेबिट कार्ड से ज्यादा होगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने के अगले पांच सालों में 21 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है. वहीं डेबिट कार्ड 3 फीसदी पर स्थिर रहने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें
Adani Road Sale: अडानी ने रद्द कर दी 3000 करोड़ की बड़ी डील, इन कारणों से खींचने पड़े कदम