UPI Lite: यूपीआई लाइट को बढ़ावा देगा आरबीआई, छोटे ट्रांजेक्शन हो जाएंगे आसान
UPI Users: आरबीआई ने शुक्रवार को यूपीआई लाइट को ई-मैंडेट के तहत लाने की मंजूरी दे दी है. यूपीए लाइट का इस्तेमाल 500 रुपये तक के पेमेंट के लिए किया जाता है.
UPI Users: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने यूपीआई लाइट (UPI Lite) को बढ़ावा देने का फैसला किया है. आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को यूपीआई लाइट को ई-मैंडेट के तहत लाने की मंजूरी दे दी है. यूपीआई लाइट को पहली बार सितंबर, 2022 में लॉन्च किया गया था. इसकी मदद से छोटे पेमेंट करने में आसानी होती है. फिलहाल यूपीआई लाइट की डेली लिमिट 2000 रुपये है. इसकी मदद से एक बार में 500 रुपये तक के पेमेंट किए जा सकते हैं.
अब क्या बदलने वाला है
आरबीआई द्वारा यूपीआई लाइट को ई मैंडेट सिस्टम में लाने से इसका प्रयोग बढ़ेगा. यूपीआई लाइट की स्वीकार्यता बढ़ेगी. लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में यूपीआई लाइट का प्रयोग करने लगेंगे. ई मैंडेट सिस्टम में लाने से यूपीआई वॉलेट में तय सीमा से कम बैलेंस होने पर इसे ऑटोमेटिक तरीके से भरा जा सकेगा. इससे कम वैल्यू के डिजिटल पेमेंट करने में आसानी होगी.
क्या है यूपीआई लाइट
यूपीआई लाइट बिलकुल यूपीआई की तरह ही काम करता है. इसके तहत 500 रुपये से कम के ट्रांजेक्शन आसानी से किए जा सकते हैं. इन पेमेंट को प्रोसेस करने के लिए यूपीआई लाइट एनपीसीआई कॉमन लाइब्रेरी एप्लीकेशन करता है. इसकी मदद से वह आसानी से मोबाइल फोन की मदद से यूपीआई इकोसिस्टम का इस्तेमाल करता है. यूपीआई लाइट छोटे ट्रांजेक्शन के दौरान यूजर्स को सुविधा प्रदान करता है. इससे बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम को रियल टाइम प्रोसेसिंग नहीं करनी पड़ती. साथ ही इसमें कोई जोखिम भी नहीं होता.
ब्याज दरों में नहीं हुआ बदलाव
इससे पहले आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के फैसलों की शुक्रवार को जानकारी दी. यह बैठक 5 से 7 जून के दौरान हुई थी. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने ऐलान किया कि एमपीसी के 6 में से 4 सदस्यों ने नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने का फैसला लिया है. रिजर्व बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अपने अनुमान को बढ़ा दिया है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.2 फीसदी कर दिया है.
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