यूपीआई (UPI) से लेनदेन काफी तेजी से बढ़ रहा है. इसने डिजिटल ट्रांजेक्शन (Digital Transaction) के मामले में भारत को ग्लोबल लीडर बना दिया है. अभी हर रोज इसके जरिए करोड़ों लेन-देन किए जा रहे हैं. आने वाले समय में यूपीआई का इस्तेमाल और बढ़ जाने वाला है. कम से कम पीडब्ल्यूसी इंडिया का तो यही मानना है.


इस रिपोर्ट में आया अनुमान


न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि वित्त वर्ष 2026-27 तक प्रतिदिन एक अरब यूपीआई लेन-देन होंगे और कुल डिजिटल भुगतान में इसका हिस्सा बढ़कर 90 फीसदी हो जाएगा. पीडब्ल्यूसी इंडिया ने अपनी ताजी रिपोर्ट ‘द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2022-27’ में यह अनुमान जाहिर किया है.


अभी यूपीआई की इतनी हिस्सेदारी


पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल भुगतान में क्रांति लाने वाले यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई की वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान खुदरा लेन-देन में हिस्सेदारी 75 फीसदी रही. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 3 साल में खुदरा डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 90 फीसदी पर पहुंच जाएगी.


पिछले साल हुए इतने लेन-देन


रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि मात्रा के लिहाज से भारतीय डिजिटल भुगतान बाजार सालाना 50 फीसदी की दर से बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान यूपीआई से 103 अरब लेन-देन किए गए, जो वित्त वर्ष 2026-27 तक बढ़कर 411 अरब पर पहुंच जाएंगे. इस तरह देखें तो इसका मतलब हुआ कि 3 साल बाद यूपीआई से हर रोज एक अरब से ज्यादा लेन-देन होंगे.


आरबीआई गवर्नर ने दिया था आंकड़ा


हाल ही में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी डिजिटल पेमेंट को लेकर जानकारी दी थी. उन्होंने इसी महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि देश में अभी हर रोज करीब 38 करोड़ डिजिटल पेमेंट किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि साल 2016 में जहां देश भर में हर रोज करीब 2.28 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहे थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 38 करोड़ के पास पहुंच गई है. इनमें यूपीआई की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. अकेले यूपीआई के माध्यम से हर रोज करीब 29.5 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन पूरे किए जा रहे हैं.


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