Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर मुहर लगा दी है. ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की जगह सरकार ने नया पेंशन सिस्टम लाने का ऐलान कर दिया है. इसके तहत मौजूदा पेंशनभोगियों को NPS और OPS की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प दिया जा रहा है. अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी इस नए पेंशन सिस्टम का फायदा पा सकता है.


यूनिफाइड पेंशन योजना क्या है?


केंद्र की मोदी सरकार ने बीते शनिवार (24 अगस्त) को यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार की इस पेंशन स्कीम को यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है. नेशनल पेंशन सिस्टम को लेकर विपक्ष काफी समय से केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा था और विपक्षी नेताओं की ओर से कहा जा रहा था कि सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम के जरिए सरकारी कर्मचारियों को उनके हक की पेंशन नहीं दे रही हैं. 


UPS अपनाने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 19 फीसदी तक की बढ़त मुमकिन


केंद्र सरकार के मुताबिक सरकारी कर्मचारी जो UPS को सब्सक्राइब करेंगे उन्हें इस नई पेंशन स्कीम से काफी फायदा होने वाला है. इसका सीधा कारण ये है कि यूपीएस में पेंशन फंड में सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा जो फिलहाल 14 फीसदी पर है. टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) में छपी खबर के मुताबिक यूटीआई पेंशन फंड ने टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए सर्वे किया है. इसके मुताबिक सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 19 फीसदी का सीधा फायदा होने वाला है. हालांकि इसके लिए कुछ नियम भी हैं जैसे कि एंप्लाई की मंथली सैलरी 50,000 रुपये तक होगी तब ही वो इसके बेनिफिशरी हो पाएंगे. 


रिपोर्ट बताती है कि फिलहाल इस स्कीम से एंप्लाई को अपनी सालाना सैलरी हाइक में 3 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है. यानी ये बढ़कर 8 फीसदी के CAGR यानी कंपाउंड एनुएल ग्रोथ रेट पर पहुंच जाएगी. हालांकि यूटीआई की रिपोर्ट में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता और पे कमीशन वाले अवॉर्ड शामिल नहीं किया गया है. लिहाजा जो कैलकुलेशन की गई है उसके मुताबिक पेंशन कॉरपस या पेंशन कोष और ज्यादा भी हो सकता है.


कब से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)


ये स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी और इसमें सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद में एक निश्चित पेंशन मिलेगी. यूनिफाइड पेंशन स्कीम को सरकार ने डिफॉल्ट पेंशन स्कीम नहीं बनाया बल्कि इसे मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम का विकल्प माना जा सकता है. इस पेंशन स्कीम से देश भर के 90 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों को सीधा फायदा पहुंच सकता है.


यूनिफाइड पेंशन योजना लाने की जरूरत क्यों पड़ी? 


लगभग 20 साल (दो दशक) पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की शुरुआत की गई थी. 1 जनवरी 2004 को NPS ने OPS की जगह ली और इसके बाद नौकरी ज्वाइन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को NPS के तहत रखा गया था. ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) की जगह पर कई राज्यों ने NPS को हटाकर फिर से OPS में जाने का फैसला लिया. हालांकि पिछले कुछ सालों में सरकारी कर्मचारियों के बीच नेशनल पेंशन सिस्टम को लेकर नाखुशी जाहिर की गई और ये बड़ा चुनावी मुद्दा भी बन गया. लिहाजा कई राज्यों ने नेशनल पेंशन सिस्टम से हटकर फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम में जाने का फैसला लिया जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब के नाम शामिल हैं.


सरकारी कर्मचारियों के लिए क्यों फायदेमंद है यूनिफाइड पेंशन योजना


यूनिफाइड पेंशन योजना में सरकार ने न्यूनतम पेंशन का इरादा जाहिर किया है. केंद्र की मोदी सरकार का दावा है कि इस पेंशन स्कीम से लगभग 23 लाख लोगों (सरकारी कर्मचारियों) को सीधा फायदा होने जा रहा है. इसके अलावा वो सभी सरकारी कर्मचारी इसका फायदा उठाने के लिए एलिजिबल हैं जो एनपीएस के लिए पात्र थे. यानी 1 अप्रैल 2004 के बाद नौकरी शुरू करने वाला हर सरकारी कर्मचारी यूनिफाइड पेंशन योजना का लाभ उठा सकता है. 


यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ सभी एलिजिबिल कर्मचारियों को अपने-आप नहीं मिलेगा. सभी पात्र सरकारी कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम के साथ यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऑप्शन मिलने वाला है. यदि कोई कर्मचारी एनपीएस में बने रहना चाहता है तो वह मौजूदा पेंशन सिस्टम में बने रह सकता है लेकिन नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ लेने के लिए उसे UPS का विकल्प चुनना पड़ेगा.


सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS के 5 मुख्य स्तंभ के बारे में बताया 


केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने UPS के 5 मुख्य स्तंभ के बारे में बताया है. 'एश्योर्ड पेंशन, मिनिमम पेंशन, एश्योर्ड फैमिली पेंशन’ जिसका अर्थ है पक्की पेंशन, न्यूनतम पेंशन और पूरे परिवार के लिए पेंशन का रास्ता खुल सकता है. ये अगले वित्त वर्ष से लागू होगी लेकिन उससे पहले रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी यूपीएस के फायदे मिलेंगे.


एश्योर्ड पेंशन: रिटायरमेंट के बाद फिक्स पेंशन मिलेगी और ये रिटारयमेंट के ठीक पहले के 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50 फीसदी होगी. ये फिक्स्ड पेंशन सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगी जिन्होंने कम से कम 25 साल तक नौकरी की हो. 


निश्चित न्यूनतम पेंशन: अगर कोई कर्मचारी कम से कम 10 साल नौकरी करने के बाद रिटायर होता है तो उसे पेंशन के रूप में 10,000 रुपए मिलेंगे. 


निश्चित पारिवारिक पेंशनः इस स्कीम के तहत फैमिली पेंशन भी मिलेगी. यह पेंशन किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को दे दी जाएगी. 


इंफ्लेशन इंडेक्सेशन बेनिफिट: इन तीनों पेंशन सिस्टम पर मौजूदा महंगाई के हिसाब से डियरनेस अलाउंस या महंगाई भत्ता (DA) का पैसा मिलेगा.


ग्रेच्युटी के तौर पर एकमुश्त रकम का फायदा


एंप्लाई या कर्मचारी को उसकी नौकरी के आखिरी 6 महीने की सैलरी और अलाउंस एकमुश्त अमाउंट के तौर पर दिया जाएगा. इसका एकमुश्त यानी लमसम पेमेंट किया जाएगा. यह कर्मचारी के आखिरी बेसिक सैलरी का 1/10वां यानी हिस्सा होगा. 


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